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सलाहकारों की अनियमित नियुक्तियां जनता के जेब पर डाका: अजय माकन

अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार जनता के पैसे पर डाका डालकर अपने कार्यकर्ताओं की गैर- कानूनी तरीके से नियुक्ति कर रही है जबकि उनको दिल्ली का प्रशासन दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए चलाना चाहिए था.

अजय माकन अजय माकन
परमीता शर्मा/मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

दिल्ली सरकार के नौ सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द होने के मामले में कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि इसमें हैरानी की बात नहीं है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों के 9 सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द कर दी हैं. शुंगलु कमेटी ने अपनी 28 नवंबर 2016 की रिपोर्ट में यह कहा था कि दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के 71 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में अनियमितताएं की थीं.

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अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार जनता के पैसे पर डाका डालकर अपने कार्यकर्ताओं की गैर- कानूनी तरीके से नियुक्ति कर रही है जबकि उनको दिल्ली का प्रशासन दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए चलाना चाहिए था. माकन ने कहा कि ना सिर्फ उनकी नियुक्ति गैर- कानूनी थी बल्कि बहुत सारे लोगों को वेतन/रिम्बर्समेंट 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह तक दिया गया था जो कि पहले कभी नहीं हुआ.

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार द्वारा की गई 9 सलाहकरों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है और यह कहा है कि इन पदों को गैर-कानूनी तरीके से बनाया गया है, उसी प्रकार यह नियुक्तियां भी गैर-कानूनी थीं. एक आदेश में मंगलवार को प्रशासन विभाग ने कहा कि उन्हें 10 अप्रैल को गृह मंत्रालय से एक स्पष्टीकरण मिला है कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली गई थी क्योंकि इन लोगों को को-टर्मिनस के आधार पर नियुक्त किया गया था.

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माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ना सिर्फ इन 9 पदों की नियुक्ति में अनियमितताए की थीं जबकि उन्होंने मत्रियों के 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति भी गैर- कानूनी ढंग से की थी. माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने टैक्स पेयर के पैसों का दुरुपयोग करते हुए पार्टी समर्थकों को उच्च वेतन पर सलाहकारों और अन्य पदों पर नियुक्तियां की हैं. जिनको गृह-मंत्रालय के आदेश के चलते खत्म करना पड़ा.

माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली के लोगों के हितों के लिए काम नहीं कर रही है. जबकि लोगों ने इनको अप्रत्याशित बहुमत देकर दिल्ली की बागडोर सौंपी थी. अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार जनता के पैसे पर डाका डालकर अपने कार्यकर्ताओं की गैर-कानूनी तरीक से नियुक्ति कर रही रही जबकि उनको दिल्ली का प्रशासन दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए चलाना चाहिए था.

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