
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर आखिरकार थम गया है. आखिरी चरण में 8 मार्च यानी कल 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पिछला डेढ़ महीना यूपी में प्रचार के शोर, रैलियों, बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के दौर में बीता. तमाम दलों ने अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा. अगर महज रैलियों की संख्या के आधार पर देखा जाए तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीएम मोदी समेत दूसरे सभी नेताओं से खासे आगे रहे.
मोदी पर बीस पड़े अखिलेश
सपा में अंदरूनी लड़ाई में विजेता बनने के बाद अखिलेश यादव ने सबसे बड़ा फैसला किया कांग्रेस के साथ गठबंधन का. 403 में से 105 सीटें कांग्रेस को दीं और राहुल गांधी के साथ जुगलबंदी कर यूपी में प्रचार के लिए कूद पड़े. अखिलेश यादव ने यूपी में सबसे ज्यादा 235 रैलियां की. बीजेपी की ओर से तमाम नेताओं के बीच पीएम मोदी ने भी प्रचार में पूरा जोर लगाया. लेकिन मोदी ने 23 मेगा रैलियां कीं. आखिरी चरण के चुनाव से पहले पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जमकर प्रचार किया. तीन दिन तक वाराणसी में पीएम मोदी का मेगा शो चला. रैलियां-रोड शो और जनसभाओं के जरिए पीएम मोदी ने पूर्वांचल की तमाम सीटों के समीकरण को साधने की कोशिश की. हालांकि, रैलियों की संख्या के मामले में अखिलेश बीस पड़े.
मायावती दूसरे स्थान पर
यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी अकेले उतरी. मायावती ने खुद प्रचार का जिम्मा संभाला और राज्यभर में 58 रैलियां की.
राहुल गांधी भी पीछे नहीं
सपा के साथ गठजोड़ कर उतरी कांग्रेस की तरफ से प्रचार का जिम्मा संभाला राहुल गांधी ने. राहुल गांधी ने वाराणसी समेत तमाम क्षेत्रों में जमकर प्रचार किया. राहुल ने 50 रैलियां कीं और इस मामले में अखिलेश और मायावती के बाद तीसरे नंबर पर रहे.
खूब चली राहुल-अखिलेश की जुगलबंदी
बीजेपी के खिलाफ एक साथ चुनाव में उतरे सपा और कांग्रेस की ओर से अखिलेश और राहुल ने प्रचार का जिम्मा संभाला. साझे अभियान को यूपी के लड़कों के नाम से प्रचारित किया गया. दोनों युवा नेताओं की जोड़ी कई जगहों पर साझी रैलियों, रोड शो और प्रेस कॉन्फ्रेंस में उतरी और मोदी पर जमकर प्रहार किए. आगरा,
लखनऊ, इलाहाबाद और वाराणसी में 4 साझा रोड शो भी किए. वाराणसी के रोड शो के रथ पर डिंपल यादव भी सवार हुईं.
11 मार्च को पता चलेगा नतीजा
सभी दलों ने यूपी चुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. 11 मार्च को यूपी चुनाव के साथ-साथ पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर चुनाव के नतीजे आएंगे तब पता चलेगा कि सियासी मंचों पर इन नेताओं की कसरत जनता को कितना पसंद आई.