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यूपी चुनाव में निर्णायक रहा 'गधा' फैक्टर, बीजेपी ने खूब भुनाया

उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल गया है. लेकिन इस जीत के पीछे की तस्वीर पर अब चर्चा जोरों पर है. आखिर कैसे बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान रणनीति में हमेशा सपा-कांग्रेस गठबंधन से आगे रही है.

यूपी चुनाव में विवादित बयान का बोलबाला यूपी चुनाव में विवादित बयान का बोलबाला
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल गया है. लेकिन इस जीत के पीछे की तस्वीर पर अब चर्चा जोरों पर है. आखिर कैसे बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान रणनीति में हमेशा सपा-कांग्रेस गठबंधन से आगे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम दिग्गज राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बयानों को लपकने में कोई देरी नहीं की. अखिलेश यादव के 'गधा' बयान को तो पीएम मोदी ने चुनावी सभाओं में खूब तूल दिया.

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दरअसल अखिलेश यादव ने रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में कहा, 'टीवी पर एक गधे का विज्ञापन आता है. मैं सदी के महानायक से अपील करता हूं कि वह गुजरात के गधों का प्रचार न करें.' ये बयान अखिलेश के जुबां से निकलने की देरी थी और फिर बीजेपी का पूरा कुनबा इसपर हावी हो गया.

अखिलेश के इस बयान का सबसे पहले पीएम मोदी ने जवाब दिया, उन्होंने इसे गुजरात की माटी से जोड़ते हुए अपने अंदाज में कहा, 'गधा अपने मालिक का वफादार होता है. गधा कितना ही बीमार हो, भूखा हो, थका हो, लेकिन अगर मालिक उससे काम लेता है तो सबकुछ सहन करते हुए मालिक का दिया काम पूरा करके ही रहता है'. यही नहीं, पीएम ने खुद को इस किरदार से जोड़ते हुए कहा, 'सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं, वो मुझसे कितना काम लेते हैं, मैं करता हूं, थक जाऊं तो भी करता हूं. क्‍योंकि मैं गधे से गर्व के साथ प्रेरणा लेता हूं.'

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दरअसल बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने गुजरात के वन्य गधा अभयारण्य के लिए एक विज्ञापन में नजर आए थे. वे इसमें अभयारण्य के बारे में बताते हैं, गधों के बारे में बताते हैं और लोगों से वहां जाने, घूमने-फिरने की अपील करते हैं. अखिलेश ने इस विज्ञापन का जिक्र रायबरेली के चुनाव प्रचार में किया था.

पीएम मोदी ने अखिलेश के इस बयान को हर चुनावी सभा में उठाने लगे, क्योंकि बीजेपी के रणनीतिकारों को पता था कि ये बयान अखिलेश को भारी पड़ सकता है और चुनावी हवा का रुख को मोड़ा जा सकता है. अखिलेश अपने इस बयान के इस तरह से घिर गए कि उन्हें जवाब देते नहीं बन पा रहा था, वो इस बयान से पीछा छुड़ाना चाहते थे लेकिन बीजेपी को तो मानो इसी का इंतजार था, और उसने इसे कैश करने में कोई देरी नहीं की.

यही नहीं, पीएम मोदी ने अखिलेश के 'गधा' बयान पर राहुल गांधी को भी लपेटे में ले लिया. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने तो गधे से प्रेरणा लेकर स्टाम्प टिकट कर जारी किया है. इसके अलावा गुजरात के संबंध गांधी और सरदार पटेल जैसे नेताओं से जोड़ते हुए मोदी ने कहा, 'अखिलेश जी जहां के गधों की बात कर रहे हैं, वो वही जगह है जहां गांधी, सरदार पटेल ने जन्म लिया, कृष्ण ने उसे अपनी कर्मभूमि बनाया.'

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अब चुनाव परिणाम के बाद जानकार तो ये कहने लगे हैं कि अखिलेश का 'गधा' बयान बीजेपी के लिए संजीवनी का काम कर गया और शुरुआती चरणों के बाद बीजेपी ने इस बयान के साथ-साथ गठबंधन नेताओं के दूसरे बयानों पर अपना चुनाव-प्रचार का फोकस कर दिया. जिससे लोगों में बीजेपी की पकड़ और मजबूत होती चली गई और फिर वो कुछ हदतक वोट में तब्दील हो गया.

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