
मुजफ्फरनगर दंगो को लेकर मुसीबत झेल रही अखिलेश सरकार के लिए राहत की खबर है. भारतीय किसान यूनियन ने 10 अक्टूबर को होने वाली महापंचायत अब नहीं करने का ऐलान किया है.
हालांकि भारतीय किसान यूनियन नें गन्ने के बकाये के भुगतान के लिये अखिलेश सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए किसान 6 अक्टूबर को गन्ना भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के साथ बकाये के भुगतान के लिये लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलगें.
गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट की मीटिंग के बाद कहा कि उनकी सरकार ने गन्ने की कीमतें बढ़ाई हैं. लेकिन बाजार में चीनी के दाम कम होने से इस बार ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश कम ही है. बकाये के भुगतान पर उन्होनें कहा कि इसका इंतजाम किया जा रहा है साथ ही बजट में भी सरकारी चीनी मिलों के लिये पैसों का इंतजाम किया गया हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक, 'ढाई हजार करोड़ से भी ज्यादा भुगतान अभी सरकार पर बकाया है. राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुये कहा कि भारतीय किसान यूनियन अपने हक की लड़ाई लड़ती आई है और फिलहाल हालात ऐसे नहीं है कि हम कोई प्रदर्शन करे. लेकिन जरूरत पड़ी तो भारतीय किसान यूनियन किसानों के हक के लिए लड़ती रहेगी.'
अखिलेश ने कहा है कि उन्होंने गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिये सरकारी चीनी मिलों के लिये बजट में पैसे का इंतजाम किया गया हैं.
गन्ने की कीमत पिछली बार सरकार नें बहुत बढ़ाई थी और इसलिये बढ़ाई थी क्योंकि मार्केट में चीनी का दाम बहुत था. इधर भारत सरकार ने रॉ सुगर इम्पोर्ट की है और बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट करने के कारण बाजार में जो कीमत होनी चाहिए वो कीमत गिरी है. सरकार बहुत जल्दी विचार करेगी कि आने वाले समय में गन्ने की कीमत क्या हो. लेकिन कहीं न कहीं चीनी की कीमत बाजार में लगातार नीचे जा रही है जिसके कारण गन्ने की कीमत क्या हो विचार करना होगा.
अखिलेश सरकार को इस बात से राहत जरूर मिल गयी है कि भारतीय किसान यूनियन ने 10 मार्च को प्रस्तावित महापंचायत फिलहाल टाल दिया है.