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5 दिन बाद मरहम लगाने अखिलेश पहुंचे गोरखपुर, कहा- जिम्मेदार लोगों पर हो कार्रवाई

अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कम से कम सरकार यह तो बताए कि बच्चों की मौत का कारण क्या है. अगर आक्सीजन नहीं थी तो सप्लाई की ज़िम्मेदारी किसकी बनती है? किसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो, सरकार हर बात को छिपाना चाहती है, लेकिन सच सामने आना चाहिए

पीड़ितों से मिलेंगे अखिलेश यादव पीड़ितों से मिलेंगे अखिलेश यादव
कुमार अभिषेक/शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 14 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़ित परिवारों से मिलने गोरखपुर पहुंचे. अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कम से कम सरकार यह तो बताए कि बच्चों की मौत का कारण क्या है. अगर ऑक्सीजन नहीं थी तो सप्लाई की ज़िम्मेदारी किसकी बनती है? किसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो, सरकार हर बात को छिपा रही है, लेकिन सच सामने आना चाहिए. पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा कि पीड़ितों का कहना है उन्हें कोई इलाज नहीं मिला और अस्पताल में ही मासूम बच्चों की जान चली गई.

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सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के बयान की निंदा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सिद्धार्थ नाथ पढ़े लिखे मंत्री दिखते हैं. अगर यही गलती समाजवादियों से हो गई होती तो बवाल खड़ा हो जाता. मंत्रीजी कहते हैं कि अगस्त में तो जान जाती ही हैं, मरना तो सभी को है तो क्या हम आज ही मर जाएंगे. अखिलेश ने कहा कि आंकड़े देकर कोई नहीं बच सकता, जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होनी चाहिए.

यहां के BRD अस्पताल में एक हफ्ते में 70 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद सत्ताधारी योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. हालांकि सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि 5 साल तक सूबे की सत्ता संभालने वाले अखिलेश को 5 दिन बाद गोरखपुर याद आया, क्योंकि उनकी सरकार रहते हुए भी राज्य की स्वास्थ्य सुविधा में कोई बड़ा सुधार नहीं हो सका.

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अखिलेश यादव ने यहां के गांवों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. गोरखुपर में बच्चों की मौत के बाद अखिलेश लगातार सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर मामले की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए पीड़ितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी.

अखिलेश पर भी सवाल

गोरखपुर समेत पूर्वांचल में दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) एक बड़ी समस्या है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीए सरकार ने 2011 में ही यहां एम्स को मंजूरी दे दी थी. बावजूद इसके 2014 में सत्ताधारी अखिलेश सरकार पर गोरखपुर में एम्स के निर्माण के लिए जमीन ना देने का आरोप लगा. यहां से सांसद योगी आदित्यनाथ ने उस वक्त अखिलेश सरकार पर एम्स का निर्माण ना होने देने का आरोप लगाया था. हालांकि यूपी में बीजेपी सरकार के गठन के बाद जुलाई 2017 में पीएम मोदी की मौजूदगी में एम्स का शिलान्यास किया गया है, जो 2019 तक बनकर तैयार होगा.

गोरखपुर सीएम योगी का राजनीतिक गढ़ रहा है. वह यहां से 5 बार सांसद रह चुके हैं. ऐसे में दिमागी बुखार के खिलाफ वह सांसद होने के नाते भी लगातार संसद में आवाज उठाते आए हैं. लेकिन इससे पहले की सपा और बीएसपी की सरकारों ने इस बीमारी से लड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. अब हादसे होने का बाद पिछले सरकारों को मुखिया सीएम योगी पर निशाना साधने में लगे हैं.  

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