
समाजवादी पार्टी में शाह-मात का खेल जारी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच रिस्तों की कड़वाहट बरकरार है. लोहिया ट्रस्ट में शामिल अखिलेश के चार करीबियों को मंगलवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बाहर का रास्ता दिया है, और उनकी जगह शिवपाल के करीबियों को शामिल किया गया है. इससे साफ जाहिर है कि लोहिया ट्रस्ट पर शिवपाल का पूरी तरह से कब्जा हो गया है.
दरअसल मंगलवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में हुई बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश के करीबी चार सदस्यों को ट्रस्ट से बेदखल कर दिया. नतेाजी द्वारा हटाए गए सदस्यों में राम गोविंद चौधरी, ऊषा वर्मा, अशोक शाक्य और अहमद हसन हैं. ये सभी सदस्य अखिलेश यादव के करीबी हैं.
सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने इन चार सदस्यों की जगह शिवपाल के चार करीबियों को सदस्य बनाया. इनमें दीपक मिश्रा,राम नरेश यादव,राम सेवक यादव और राजेश यादव सदस्य बनाये गए. जबकि मंगलवार को लोहिया ट्रस्ट की बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव बैठक में शामिल नहीं हुए. इससे साफ जाहिर है कि यादव परिवार में कलह अभी भी जारी है.
बैठक के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि फिलहाल ट्रस्ट में वही रहेगा जो लोहिया हित में काम करेगा. बैठक में अखिलेश और रामगोपाल के शामिल न होने पर शिवपाल ने कहा कि बैठक की सूचना सबको दे दी गई थी, हो सकता है कोई काम पड़ गया हो. वहीं अखिलेश यादव को ट्रस्ट का मुखिया बनाने की चल रही चर्चा को शिवपाल यादव ने सिरे से खारिज कर दिया. शिवपाल यादव ने कहा कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नेताजी हैं और वहीं रहेंगे. हम लोग पार्टी को मजबूत और एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.