
समाजवादी पार्टी की फूट एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. 5 नवंबर को जब समाजवादी पार्टी लखनऊ में अपने 25 साल पूरा होने का भव्य समारोह मना रही होगी तो पार्टी के चेहरे और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अखिलेश यादव वहां मौजूद नहीं होंगे.
बुधवार को अखिलेश यादव ने पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी भेज कर यह बताया कि वह 3 नवंबर से चुनाव प्रचार के लिए अपनी रथ यात्रा शुरू करेंगे. पहले यह रथ यात्रा 3 अक्टूबर से शुरु होनी थी जो पार्टी में मचे घमासान के बाद टाल दी गई थी. लेकिन अब रथ यात्रा की नई तारीख समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस के ठीक 2 दिन पहले चुनकर अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह अपनी नाराजगी छुपाएंगे नहीं.
कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने सार्वजनिक तौर पर यह कहा था कि वह बचपन से संघर्ष करते आए हैं और अकेले अपना चुनाव प्रचार शुरू करने में हिचकेंगे नहीं. 22 अक्टूबर को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपनी नई कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है और यह बात लगभग तय है कि अखिलेश यादव उसमें भी मौजूद नहीं रहेंगे. हांलाकि अखिलेश यादव कार्यकारिणी के सदस्य भी नहीं है. बुधवार को एक कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से यह पूछा गया कि क्या वह 5 नवंबर को होने वाले समाजवादी पार्टी के हीरक जयंती समारोह में मौजूद होंगे या नहीं तो अखिलेश यादव ने इसका कोई जवाब नहीं दिया.
इससे पहले अखिलेश यादव के समर्थक और तमाम पार्टी के नेता पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह 5 तारीख को होने वाले समारोह का बहिष्कार करेंगे. समाजवादी पार्टी दफ्तर के बगल में बना जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट अखिलेश समर्थकों का नया अड्डा बन चुका है और वहीं पर बैठ कर आगे की रणनीति तय होती है. मंगलवार को अखिलेश के एक समर्थक अतुल यादव ने कहा कि उन लोगों लिए अखिलेश यादव ही सब कुछ है और जो कुछ वह कहेंगे उनके समर्थक करने से हिचकेंगे नहीं. 5 तारीख को होने वाले रजत जयंती समारोह की घोषणा खुद मुलायम सिंह यादव ने की थी और पूरी पार्टी को हिदायत दी थी कि इसके लिए जोर शोर से तैयारी की जाए. लेकिन अगर इस समारोह में उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के चेहरे अखिलेश यादव ही नदारद रहते हैं तो पूरी पार्टी की फजीहत होना तय है.