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हिज्बुल से जुड़ा AMU का कश्मीरी स्कॉलर! जांच के लिए पहुंची पुलिस

पीएचडी रिसर्च स्कोलर मनन वानी ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली है. मनन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. वानी के हाथ में एके-47 है, कहा जा रहा है कि वानी ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन ज्वाइन कर ली है.

पुलिस की जांच जारी पुलिस की जांच जारी
अशरफ वानी/शुजा उल हक
  • कुपवाड़ा, J-K,
  • 08 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

भारतीय सेना कश्मीर में लगातार आतंक के खात्मे के लिए काम कर रही है. इसके बावजूद रोजाना आतंकी संगठनों से कुछ नए लोगों के जुड़ने की बात सामने आ जाती है. पीएचडी रिसर्च स्कोलर मनन वानी ने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली है. मनन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. वानी के हाथ में एके-47 है, कहा जा रहा है कि वानी ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन ज्वाइन कर ली है.

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मामला सामने आने के बाद पुलिस ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी जांच तेज कर दी है. सोमवार दोपहर पुलिस की एक टुकड़ी यूनिवर्सिटी कैंपस में छानबीन करने पहुंची.

मामले में एसएसपी ने बयान दिया कि हमने वानी के हॉस्टल रूम की जांच की है. 2 जनवरी तक वह हॉस्टल में ही था, अगर जरूरत पड़ी तो हम जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ भी जानकारी को साझा करेंगे. उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियां इस मसले पर नज़र बनाए हुए हैं. हम सभी तरह की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए हैं.

मनन वानी कुपवाड़ा जिले के लोलाब का रहने वाला है. वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था. 26 साल का वानी तीन दिन पहले घर आने वाला था. लेकिन उसने घर पर कोई खबर नहीं दी. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो वानी पिछले पांच साल से एएमयू में रह रहा था, वहां उसने एमफिल की डिग्री भी ली. रविवार को ही वानी के परिवार की तरफ से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू की.

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जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस मामले पर कहा है कि अभी व्यक्ति की आतंकी बनने की पुष्टि नहीं की जा सकती है. जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह फोटोशॉप भी हो सकती है. पुलिस ने कहा कि स्कॉलर 3 जनवरी से लापता था, उसकी आखिरी लोकेशन दिल्ली पता चल पाई है.

पहले एक फुटबॉलर हुआ था शामिल, मां की अपील के बाद लौटा

आपको बता दें कि अभी हाल ही में कश्मीर के ही एक कॉलेज छात्र और फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान ने भी इसी तरह आतंकी संगठन ज्वाइन कर लिया था. माजिद खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा था. हालांकि, अपनी मां की अपील के बाद माजिद ने आतंकी संगठन को छोड़ दिया और घर वापसी आ गया था.

दोस्त के मारे जाने के बाद अपनाया था आतंक का रास्ता

माना जा रहा था कि एक मुठभेड़ में अपने किसी घनिष्ठ दोस्त के मारे जाने के बाद वह आतंकवाद की राह पर चल पड़ा था. वह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में अपनी स्थानीय फुटबॉल टीम में गोलकीपर था.

पुलिस ने परिजनों पर बनाया था दबाव

पुलिस अरशिद खान की घर वापसी के लिए उस पर दबाव बनाने के लिए उसके दोस्तों और परिवार के सदस्यों के संपर्क में थी. उसने अपने माता-पिता और जम्मू कश्मीर पुलिस की अपील के बाद आत्मसमर्पण किया. उसके माता-पिता ने टेलीविजन और सोशल मीडिया पर जाकर उससे आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया था.

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