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राम मंदिर पर AIMPLB करेगा कोर्ट के फैसले का इंतजार

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज लखनऊ में बड़ी बैठक बुलाई गई. इस बैठक में बाबरी मस्जिद समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

AIMPLB की बैठक (फाइल फोटो- PTI) AIMPLB की बैठक (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 16 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कि आज लखनऊ में अहम बैठक बुलाई. इसके बाद बोर्ड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि बैठक में बाबरी मस्जिद मामले समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई.

बोर्ड के सदस्यों ने बताया कि बाबरी मस्जिद के टाइटल सूट के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनवरी में सुनवाई शुरू होनी है. ट्रिपल तलाक ऑर्डिनेंस पर बोर्ड के लोग विपक्षी पार्टियों से मुलाकात करेंगे और राजनेताओं से मिलकर आर्डिनेंस को पास न कराने की बात कही जाएगी.

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बोर्ड के सदस्य ने राम मंदिर मामले पर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं. एक हम हैं जो ये कह रहे है कि इंतजार है और एक वे हैं जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार न करके बिल लाने की बात कर रहे हैं.

साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि देशभर में 14  नए दारुल कजा बनाए गए हैं. इनसे महिलाओं को बड़ा फायदा मिला है. साथ ही देश की अदालतों का बोझ भी कम हुआ है.

ऑल इं‍डिया पर्सनल लॉ बोर्ड की सारी कमेटियों ने आज अपनी रिपोर्ट पेश की है. कासिम रसूल, जफरयाब जिलानी, खालिद राशिद, असमा जेहरा इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे.

इस बैठक से पहले संभावना जताई जा रही थी कि बोर्ड की बैठक के मुद्दों में अयोध्या सबसे अहम मुद्दा हो सकता है, जिस पर इन दिनों संघ परिवार और दूसरे हिंदूवादी संगठनों की खास नजर है.

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी वली रहमानी ने कहा था  कि यूं तो कई मुद्दों पर चर्चा होनी है, लेकिन अयोध्या पर चर्चा विशेष तौर पर होगी क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो तो यह देश के संविधान और कानून के खिलाफ होगा. बैठक में अयोध्या के साथ ही ट्रिपल तलाक पर भी चर्चा होगी, जिसे सरकार ने अध्यादेश के जरिये कानूनी शक्ल दे दी है.

बता दें कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी महीने में होनी है. सरकार इस सुनवाई का इंतजार कर रही है, लेकिन उसके पहले ही हिंदूवादी संगठनों और खासकर संघ से जुड़े संगठन और साधु-संतों ने अयोध्या पर कानून लाकर मंदिर बनाने की मांग तेज कर दी है. जिसका विरोध ज्यादातर मुस्लिम संगठन कर रहे हैं.

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