
अमन की राह में हुर्रियत की हेकड़ी के बाद सोमवार को अॉल पार्टी डेलीगेशन जम्मू जाएगा. इससे पहले रविवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में कश्मीर पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 200 प्रतिनिधियों से मुलाकात की और घाटी के हालात पर चर्चा की. अलगाववादी नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल के पांच विपक्षी सदस्यों से बात करने से इनकार कर दिया है और उनके प्रयास को विफल कर दिया.
सोमवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीरी पंडितों और कारोबारियों से हालात पर चर्चा करेगी. जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह 11 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे. नेताओं के इस दौरे के बीच एक बार फिर घाटी में हिंसा का दौर शुरू हो गया है. शोपियां में रविवार को प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय को फूंक दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से हिंसक झड़प भी हुई, जिसमें करीब 20 लोगों के घायल होने की खबर है.
इस बीच हुर्रियत नेता अब्दुल गनी भट ने कहा है कि कश्मीर पर पहले भारत और पाकिस्तान को बात करनी चाहिए, उसके बाद ही हुर्रियत नेता बातचीत करेंगे. भट ने इसके साथ ही बाचतीत की प्रक्रिया का समर्थन किया और कहा कि समाधान का रास्ता बातचीत से ही निकलेगा. उन्होंने कहा, 'महबूबा की बेतरतीबी राजनीति को हमने गंभीरता से नहीं लिया. हमें भारत और पाकिस्तान दोनों से मोहब्बत है. लेकिन हम वास्तविकता को देख रहे हैं.'
राम माधव ने कसा तंज
हुर्रियत से बात करने पर अड़े नेताओ पर बीजेपी महासचिव राम माधव ने तंज कसा है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि साइड बिजनेस करने वालों ने अपना हश्र देख लिया. बता दें कि रविवार को सैयद अली शाह गिलानी ने अपने घर पहुंचे सीताराम येचुरी, डी राजा और शरद यादव से मिलने से इनकार कर दिया था. यही नहीं, गिलानी के समर्थकों ने हूटिंग भी की. हुर्रियत नेता मीरवाइज ने भी असदउद्दीन ओवैसी को वापस लौटाया, जबकि यासीन मलिक ने भी बातचीत से इनकार कर दिया.
जेडीयू नेता शरद यादव के मुताबिक, यासीन मलिक ने कहा कि अभी के माहौल में वह बाचतीच नहीं कर सकते. दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि लोगों से मिलने का हमारा मकसद सफल रहा. हालांकि घाटी में शांति बहाली की कोशिशों को हुर्रियत ने एक बार फिर झटका दिया है.
समस्या का जल्द समाधान जरूरी: उमर
बातचीत के पूरे घटनाक्रम पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे से कुछ हासिल नहीं होने वाला. अब्दुल्ला ने महबूबा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'घाटी में हालात चिंताजनक हैं और समस्या का समाधान जल्द जरूरी है.
स्वागत किया, लेकिन बातचीत से इनकार
नेताओं ने समूह ने रविवार को हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट से भी मुलाकात का प्रयास किया, लेकिन भट ने भी उनसे बात करने से इनकार कर दिया. भट ने नेताओं का स्वागत किया, लेकिन स्पष्ट कर दिया कि यह निर्णय किया गया है कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी. भट ने कहा, 'यह व्यर्थ की कवायद है. तब तक कुछ भी ठोस नहीं होगा जब तक कि भारत पाकिस्तान से कश्मीर पर बातचीत नहीं करे. हम तब तक किसी भी हल तक नहीं पहुंच सकते यदि भारत केवल कश्मीरियों से बात करे या पाकिस्तान कश्मीरियों से बात करे. हमें प्रयास करके इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए नहीं तो इससे दोनों पडोसी देशों के बीच दुश्मनी उत्पन्न होगी.'
ओवैसी से सिर्फ दुआ-सलाम
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धडे के नेता मीरवाइज उमर फाररुक से चश्मा शाही उप जेल में अलग से मिलने के लिए गए जहां उन्हें बंद रखा गया है. मीरवाइज ने ओवैसी से संक्षिप्त मुलाकात की, जिस दौरान मात्र दुआ सलाम हुई. इससे पहले दिन में अलगाववादियों ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के आमंत्रण को ठुकरा दिया. अलगाववादियों ने ऐसे कदम को 'छल' करार दिया और जोर देकर कहा कि यह मूल मुद्दे के समाधान के लिए पारदर्शी एजेंडा आधारित वार्ता का कोई विकल्प नहीं हो सकता.