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कश्मीर में अमन-चैन के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में ऑल पार्टी डेलीगेशन 4 सितंबर को श्रीनगर जाने वाला है. इसके पहले संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शनिवार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है. वहीं, जेडीयू नेता शरद यादव का कहना है कि कश्मीर मसले पर ऑल पार्टी डेलीगेशन को हुर्रियत सहित तमाम स्टेक होल्डर्स से बात करनी चाहिए.
'सरकार के सामने रखेंगे मांग'
जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा, 'सरकार ने डेलीगेशन में जाने वाले तमाम पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें उन्हें कश्मीर को लेकर ब्रीफिंग देगी. ऑल पार्टी डेलीगेशन को बताया जाएगा कि श्रीनगर जाकर उन्हें किन-किन लोगों से मिलना है? सरकार का एजेंडा क्या होगा? लेकिन, मैं यह चाहता हूं कि कश्मीर को लेकर हुर्रियत नेताओं से भी बात हो. शनिवार को होने वाली ऑल पार्टी मीटिंग में ये बात रखी जाएगी.'
सभी पक्षों से बात हो: तारिक अनवर
एनसीपी नेता तारिक अनवर का भी कहना है कि ऑल पार्टी डेलीगेशन को जम्मू कश्मीर के तमाम स्टेक होल्डर इंक्लूडिंग हुर्रियत से भी बात करनी चाहिए. लेकिन कल जो सरकार ने बैठक बुलाई है. उसमें सभी पार्टियों से बात करने के बाद ही तय होगा कि आगे क्या करना है. क्योंकि डेलीगेशन अलग अलग ढंग से बात करें यह ठीक नहीं है. पूरा डेलिगेशन एक ही दिखना चाहिए. इसलिए कल जो सरकार ने बैठक बुलाई है. उसमें बातचीत क्या होती है क्या फैसला होता है? तमाम चीजें उसके ऊपर निर्भर करती है.
लेकिन हमारा मत है कि हुर्रियत से भी बात होनी चाहिए. तारिक अनवर का कहना है ऑल पार्टी डेलीगेशन का एजेंडा वहां जाकर यह देखना है कि जो हालात है जम्मू-कश्मीर के जो स्थिति खराब हुई है वह कैसे ठीक हो, कैसे नॉर्मलसी आए, यह जरुरी है.
सीपीएम भी समर्थन में
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि ऑल पार्टी डेलीगेशन को जम्मू-कश्मीर के सभी स्टेट होल्डर्स से बात करनी चाहिए इंक्लूडिंग हुर्रियत. सीताराम येचुरी का यह भी कहना है कि सरकार शनिवार की मीटिंग में क्या रुख अपनाती है इसके ऊपर सब चीजें निर्भर करेगी. अभी तक सरकार ने चीजें साफ नहीं की है कि वह किस-किस से बात करने वाले हैं.
हालांकि प्रधानमंत्री भी यह कह चुके हैं कि सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत होनी चाहिए. तो पहले सरकार का रुख सामने आए वह क्या कहती है. लेकिन हम चाहते हैं कि हुर्रियत से भी बात करनी चाहिए. अब हमें सरकार के रुख का इंतजार है कि सरकार किन किन से बात करेगी किस-किस से मिलेगी.
सीताराम येचुरी का यह भी कहना था कि हुर्रियत के नेता जब भी किसी से मिलते हैं. तो सरकार की जानकारी में रहता है. दिल्ली आकर जब भी वह पाकिस्तान हाई कमिश्नर से भी मिले तब भी सरकार की जानकारी में था.
पीएम भी घाटी के हालात पर चिंतित
सरकार ने अलग-अलग दलों के नेताओं के डेलीगेशन की लिस्ट भी तैयार कर ली है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'मन की बात' में कश्मीर का जिक्र किया. कश्मीर के जख्मों पर मरहम लगाते हुए पीएम ने एक बार फिर कहा कि कश्मीर में चाहे नौजवानों का खून बहे या सुरक्षा बल के जवानों का खून हिंदुस्तान का ही बहता है. पीएम ने अलगाववादियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि घाटी में अशांति फैलाने वाले लोग जो बच्चो का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनको इसका जवाब देना होगा. मोदी ने एकता और ममता को कश्मीर समस्या के समाधान का मूलमंत्र बताया था. इससे पहले महबूबा मुफ्ती भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कश्मीर घाटी में फैली हिंसा की विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री को दे चुकी हैं.