
भारत और चीन के बीच जारी विवाद को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में देश की करीब 17 राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल होंगे. शुक्रवार शाम को होने वाली इस बैठक से पहले ही पार्टियों के हमलावर रुख सामने आ रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में पार्टी की ओर से तीखे सवाल कर सकती हैं. वहीं सरकार से मौजूदा हालात पर तथ्य मांग सकती हैं.
कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो सोनिया गांधी इस बैठक में अपनी बात रखेंगी, जिसमें गलवान घाटी में हुई घटना की तथ्यात्मक जानकारी देने को कहेंगी. इसके अलावा सरकार से चीन को लेकर एक रणनीति बनाने के लिए कहा जाएगा.
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एक तरफ कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरने पर विचार कर रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी सरकार पर हमलावर है. दरअसल, आम आदमी पार्टी को इस बैठक के लिए न्योता नहीं मिला है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र पर हमला बोला है कि क्या हमारी राय सरकार को नहीं चाहिए, लेकिन हम ये सुनना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री क्या कहते हैं. सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनता दल को भी नहीं बुलाया गया है.
दरअसल, सरकार की ओर से इस बैठक के लिए कुल 17 राजनीतिक दलों को न्योता दिया गया है. इनके प्रमुखों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बात की है. बैठक में पार्टियों को बुलाने के लिए सरकार ने एक आधार तय किया था.
किस आधार पर लोगों को बुलाया गया?
• मुख्य राष्ट्रीय राजनीतिक दल
• जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच सांसद हों
• नॉर्थ ईस्ट के मुख्य दल
• जिन पार्टियों की केंद्रीय कैबिनेट में हिस्सेदारी हो