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35 साल के ऑलराउंडर इरफान पठान ने क्रिकेट को कहा अलविदा

35 साल के ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की. इरफान पठान अक्टूबर 2012 में आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी में उतरे थे.

इरफान पठान (फाइल) इरफान पठान (फाइल)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 04 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

  • इरफान ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की
  • भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 में हिस्सा लिया

35 साल के ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. टीम इंडिया के प्रमुख स्विंग गेंदबाजों में शुमार रहे इरफान पठान विदेशों में फ्रेंचाइजी आधारित लीग के लिए उपलब्ध रह सकते हैं. पठान पिछले 24 महीनों से कमेंट्री से जुड़े हैं और निश्चित तौर पर यह उनकी भविष्य की योजनाओं में शामिल होगा. उन्होंने 2018 में जम्मू-कश्मीर की टीम के साथ खिलाड़ी और मेंटोर के रूप में जुड़ने से पहले घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया था.

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इरफान पठान अक्टूबर 2012 में आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी में उतरे थे, जब उन्होंने कोलंबो में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच खेला था. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में आखिरी बार फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर टीम का प्रतिनिधित्व किया. पठान ने पिछले महीने खुद को आईपीएल नीलामी पूल में भी नहीं रखा था.

स्विंग की स्वाभाविक क्षमता ने सफलता दिलाई

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने 2003 में एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. इरफान के पास गति नहीं थी, लेकिन लेकिन दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए गेंद को स्विंग करने की उनकी स्वाभाविक क्षमता ने उन्हें तुरंत सफलता दिलाई. महान कपिल देव के साथ उनकी तुलना भी की गई. ऐसा लग रहा था कि भारत को वह अदद आलराउंडर मिल चुका है, जिसकी उसे कपिल देव के संन्यास लेने के बाद तलाश थी.

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आखिरी बार अक्टूबर 2012 में भारत के लिए खेलने वाले पठान ने 29 टेस्ट (1105 रन और 100 विकेट), 120 वनडे (1544 रन और 173 विकेट) और 24 टी-20 अंतरराष्ट्रीय (172 रन और 28 विकेट) मैच खेले.

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों हमेशा अपनी पत्नी का चेहरा छिपाते हैं इरफान पठान?

2007 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल के मैन ऑफ द मैच रहे

इरफान पठान 2007 की टी-20 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 'मैन ऑफ द मैच' रहे थे. 2006 में पाकिस्तान के दौरे पर उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब आया, जब वह हरभजन सिंह के बाद टेस्ट हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय बने. उन्होंने कराची टेस्ट में सलमान बट, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ को लगातार गेंदों पर आउट कर अपनी हैट्रिक पूरी की थी.

इरफान पठान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ की उछाल वाली पिच पर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद अपने करियर के दौरान वह चोटों से परेशान रहे और उनका फॉर्म भी गिरता गया. गेंद को स्विंग करने की उनकी क्षमता भी बिगड़ गई.

इरफान पठान ने संन्यास पर ऐसा कहा -

इरफान पठान ने रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए कहा, 'आज मैं सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं. यह मेरे लिए भावुक पल है, लेकिन यह ऐसा पल है जो हर खिलाड़ी की जिंदगी में आता है. छोटी जगह से हूं और मुझे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला, जिसकी हर किसी को तमन्ना होती है.'

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क्रिकेट में अपने यादगार क्षण की बात करते हुए इरफान ने‘स्टार स्पोर्ट्स’ के कार्यक्रम में कहा कि भारत की तरफ से खेलना शीर्ष पर रहेगा. उन्होंने कहा, ‘अगर मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो कई क्षण हैं. निश्चित तौर पर मैथ्यू हेडन के रूप में अपना पहला विकेट हासिल करना उनमें शामिल है. लेकिन जब मुझे पदार्पण करने पर कैप मिली तो वह खास क्षण था. यह मेरे दिल के करीब है क्योंकि आप इसी कैप के लिये पूरी मेहनत करते हो.’

इरफान ने टेस्ट हैट्रिक के बारे में कहा, ‘यह यादगार क्षण था, लेकिन निजी तौर पर मैं इस हैट्रिक की बात नहीं करता क्योंकि हम मैच हार गए थे.’

उनके संन्यास पर हरभजन ने ट्वीट किया, ‘दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं मेरे भाई इरफान पठान. एक चैम्पियन गेंदबाज और मैदान पर कभी हार नहीं मानने वाला योद्धा. शुभकामनाएं. ढेर सारा प्यार.’

पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, ‘एक क्रिकेटर ही नहीं जम्मू-कश्मीर के युवा क्रिकेटरों के मेंटोर के रूप मे आपने जो कुछ हासिल किया उस पर आप गर्व कर सकते हो. दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं.’

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