
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ दिनेश शर्मा लॉकडाउन की अवधि में लखनऊ के ऐशबाग इलाके में अपने निजी आवास को एक सूचना केंद्र के रूप में तब्दील कर दिया है. डॉ. शर्मा यहां सुबह से ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ फोन पर कनेक्ट हो जाते हैं. लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्कूलों की तैयारियों पर चर्चा करते हैं. इतना ही नहीं इनके पास बहुत सारी ऐसी जानकारियां भी पहुंचती हैं जिनमें आम जनता को मदद की जरूरत होती है.
ऐसे लोगों की मदद के लिए डॉ. शर्मा ने अपने निजी सहायकों के जरिए एक सिस्टम बना रखा है. जरूरतमंद को मदद पहुंचाना और फिर उसे फोन करके पता करना कि वह मदद से संतुष्ट है कि नहीं. यह डॉ. शर्मा की दिनचर्या बना हुआ है. इसी व्यस्तता के बीच डॉ. दिनेश शर्मा ने फोन पर “इंडिया टुडे” से एक्सक्लूसिव बातचीत की. -
-यूपी में बोर्ड परीक्षा चल रही थी लाकडाउन से इनमें क्या बदलाव हो सकता है?
यूपी बोर्ड का सत्र हो या परीक्षा हो सभी इस सत्र में समय से आग चल रहे थे. अगर 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से छूट मिल जाती है तो हमें सत्र को नियमित करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. इसके बाद हम बोर्ड परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को करीब 15 दिन घिसकाते हुए मई के पहले हफ्ते में नतीजे घोषित करने की कोशिश करेंगे.
-अगर लाकडाउन आगे बढ़ता है तो?
अगर लाकडाउन आगे बढ़ता है तो यह सरकार के लिए चिंता की बात होगी क्योंकि हमारे शैक्षिक सत्र का नियमितिकरण बड़ी मुश्किल से हुआ है यह जरूर प्रभावित होगा.
-लाकडाउन के चलते बच्चों की लंबी छुट्टियां होने पर इनके शैक्षिक सत्र को नियमित करने की क्या योजना है?
अगर लाकडाउन समय पर समाप्त होता है तो हम गर्मी की छुट्टियों को कम नहीं करेंगे. अभी हमारी योजना यह है कि हम आगे की छुट्टियों को कम करके सत्र नियमित कर सकते हैँ. अगर लाकडाउन आगे बढ़ता है तो आगे की छुटिटयां कम करनी होगी. ऐसी हालत में बड़े दिन, दशहरा समेत कई त्योहारों की छुट्टियों में कटौती करके सत्र को नियमित किया जाएगा.
-लाकडाउन में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है?
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया काफी तेज चली थी. इसे अगले एक महीने में पूरा होता था अब लाकडाउन हटने के बाद इसे चरण बद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.
-बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूलों को क्वारंटीन या आइसोलेशन सेंटर के रूप में तब्दील किया गया था. लाकडाउन के बाद स्कूल खोलने से पहले इनमें क्या एतियात बरते जाएंगे?
जब तक सरकार पूर्ण निश्चित नहीं होगी बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. लाकडाउन के बाद जब भी स्कूलों को खालने का निर्णय लिया जाएगा उससे पहले इन्हें पूरी तरह से सेनेटाइज्ड कर लिया जाएगा. अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि स्कूलों को कब खोलना है.
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