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शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति मिलने के पीछे सबसे अहम योगदान भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड और उसकी संस्थापक तृप्ति देसाई का है. इन्होंने बिना रुके ये लड़ाई जारी रखी और आखिरकार जीत मिली.
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महिलाओं के अधिकार के लिए तृप्ति देसाई न सिर्फ ट्रस्ट के फरमान के खिलाफ उतरीं, बल्कि हवालात में भी गईं. ये हैं तृप्ति देसाई के बारे में अहम बातें-
1. मुंबई की SNDT महिला यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की.
2. 2010 में भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की स्थापना की.
3. भूमाता ब्रिगेड की मौजूदा अध्यक्ष हैं.
4. अन्ना हजारे के इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन से भी जुड़ी थीं.
5. 19 दिंसबर को तृप्ति देसाई ने खुद शनि मंदिर में जाने की कोशिश लेकिन विरोध का सामना करना पड़ा.
6. 26 जनवरी 2016 को तृप्ति देसाई की अगुवाई में करीब 500 महिलाएं शनि मंदिर की परंपरा तोड़ने का आंदोलन शुरू किया.
7. 8 अप्रैल 2016 को शनि मंदिर ट्रस्ट ने तृप्ति देसाई को पूजा के लिए आमंत्रित किया.