
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात एक लाख 75 हजार शिक्षामित्रों की नियुक्ति इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है. शनिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया.
चीफ जस्टिस के अलावा इस बेंच में जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस यशवंत वर्मा थे. शिक्षामित्रों की नियुक्ति का आदेश बीएसए ने जारी किया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया.
शिक्षामित्रों की नियुक्ति को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है. जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में समायोजित करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की दलीलें कई दिनों तक सुनीं.
हाईकोर्ट ने कहा, 'चूंकि ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टेंट टीचर के पदों पर इनकी नियुक्ति नहीं की जा सकती.' शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें समायोजित करने का निर्णय लिया है, इसलिए इनकी नियुक्ति में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है. हालांकि कोर्ट ने इसे नहीं माना. यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का चयन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी के कारण किया गया है.