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'क्यों ना भारत-पाकिस्तान के बीच खत्म किया जाए वीजा'

सोमवार को समाचार पत्र 'डान' में 'टेलीकॉम एग्रीमेंट' शीर्षक से इस ओर एक संपादकीय लेख प्रकाशि‍त किया है.अपने लेख में समाचार पत्र ने लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई यात्रा करने वाले नागरिकों को यदि बगैर वीजा के यात्रा करने की इजाजत दी जाती है तो यह एक नायाब कदम होगा.

'द डॉन' ने संपादकीय लेख में दिया सुझाव 'द डॉन' ने संपादकीय लेख में दिया सुझाव
स्‍वपनल सोनल
  • इस्लामाबाद,
  • 14 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच सियासी तौर पर जहां रिश्तों की नई इबारत लिखी जा रही है, ऐसे समय में पड़ोसी मुल्क के एक अग्रणी समाचार पत्र ने दोनों देशों के बीच यात्रा के लिए वीजा खत्म करने सुझाव दे दिया है. सोमवार को समाचार पत्र 'डान' में 'टेलीकॉम एग्रीमेंट' शीर्षक से इस ओर एक संपादकीय लेख प्रकाशि‍त किया है.

अपने लेख में समाचार पत्र ने लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई यात्रा करने वाले नागरिकों को यदि बगैर वीजा के यात्रा करने की इजाजत दी जाती है तो यह एक नायाब कदम होगा. संपादकीय में कहा गया कि दोनों देशों के बीच दूरसंचार और इंटरनेट संचालकों को इसकी इजाजत देने के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच हुआ समझौता एक सकारात्मक कदम है और इसका दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए.

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'डॉन' ने आगे लिखा है, 'शुरू में तो इस पहल का प्रभाव सीमित ही होगा, क्योंकि निजी संचालक दोनों देशों के बीच संबंध विकसित करना शुरू कर चुके हैं. लेकिन चीन को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों के बीच आम नागरिकों की कम आवाजाही के कारण विकास की दर धीमी रहेगी.' समाचार पत्र ने लिखा है, 'उदाहरण के लिए पाकिस्तानी दूरसंचार उपयोगकर्ताओं को भारत या ईरान में रोमिंग सेवाएं प्रदान करने की इजाजत दी जा सकती है, लेकिन चूंकि इस सेवा का उपयोग बेहद सीमित संख्या में लोग करेंगे, खासकर ऐसे लोग जो दोनों देशों के बीच यात्राएं करते हैं तो इसमें विकास की दर काफी धीमी रहेगी.'

बेहतर आर्थिक समन्वय का आधार
डॉन आगे कहता है, 'आने वाले दिनों में यदि भारत और पाकिस्तान के नागरिकों को यदि दोनों देशों के बीच वीजा के बगैर हवाई यात्रा करने की छूट दी जाती है तो यह बहुत ही नायाब कदम होगा. इस तरह के समझौते बेहतर आर्थिक समन्वय के लिए स्थाई आधार तैयार करते हैं, जो दोनों देशों का साझा लक्ष्य होना चाहिए.' अखबार ने तर्क दिया है कि पेरिस में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बेहद छोटी बातचीत के बाद जिस तरह दोनों देशों के बीच जर्मी बर्फ पिघलनी शुरू हुई है, उसे देखते हुए दोनों देश अपने साझा उद्देश्यों की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.'

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संबंधों के साथ विकास भी
संपादकीय लेख में आगे लिखा गया है, 'पाकिस्तान का अपने पड़ोसी देश के साथ सापेक्ष अलगाव इसके विकास की दिशा में बड़ी बाधा है और इससे बाहर निकलने की प्रक्रिया लंबी है. हालांकि इस तरह के समझौतों से इस दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है. दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ करने में यह सड़क संपर्क से कहीं बेहतर और लाभदायी हो सकता है.'

-इनपुट IANS से

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