
MeToo कैंपेन के तहत विनता नंदा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में घिरे आलोक नाथ अब डिफेंसिव मोड में हैं. आलोक की पत्नी आशु ने सेशन कोर्ट में अपने और अपने पति की ओर से मानहानि का मामला दायर किया है. अपील में लिखा गया है कि विनता के द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी गई जिसमें बिना आलोक नाथ के नाम का जिक्र किए उन्हें 19 साल पहले एक बलात्कार का आरोपी बताया गया.
इसमें लिखा गया है कि इस पोस्ट का इस्तेमाल ख्याति पाने के उद्देश्य से या सामने वाले की छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से किया गया है. याचिका में जिक्र किया गया है कि इस मामले के बाद से पति-पत्नी (आलोक-आशु) दहशत में हैं क्योंकि अब हर कोई उन्हें एक अलग नजरिए से देख रहा है. इसी के साथ विनता से 1 रुपये हर्जाना मांगने की बात इस मामले में लिखी गई है.
याचिका में लिखा गया है कि या तो विनता लिखित रूप से माफी मांगे और या फिर कोर्ट में सामना करने के लिए तैयार रहें. हाल ही में CINTAA द्वारा भेजे नोटिस के जवाब में आलोक नाथ के वकील अशोक सारोगी ने कहा था कि उनके क्लाइंट पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. बता दें कि शुक्रवार को आलोक नाथ ने कोर्ट को एक शिकायती पत्र लिखकर कहा था कि वह पुलिस को आरोपों की जांच करने का आदेश दे.
आलोक नाथ ने अंधेरी मेट्रोपॉलियन कोर्ट में लिखित शिकायत कर कहा कि वह पुलिस को उन सब सोशल मीडिया पोस्ट्स की जांच का आदेश दे, जिसमें उनके ऊपर आरोप लगाए गए हैं और उन्हें बदनाम किया गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर उनकी इस शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया गया तो उन्हें होने वाली गंभीर हानि और जख्मों का कभी पैसों के रूप में मुआवजा नहीं दिया जा सकेगा.
आलोक नाथ की सफाई
इस पूरे मामले पर जब 'आजतक' की टीम ने आलोक नाथ से ख़ास बातचीत की, तो उनका कहना था कि आज के जमाने में अगर कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है तो पुरुष का इस पर कुछ भी कहना मायने नहीं रखता. मैं विनता को अच्छे से जानता हूं. इस समय इस मामले पर मैं चुप ही रहना चाहूंगा. उन्हें अपने विचार रखने का हक़ है. समय आने पर सही बाते सामने आ जाएंगी. फिलहाल मैं इस बात को पचाने की कोशिश में लगा हूं. बाद में इस पर कमेंट करूंगा.