
पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. चर्चा थी कि अगले 24 घंटे में अल्पेश कांग्रेस से इस्तीफ दे देंगे.
अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के सभी पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. अल्पेश ठाकोर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मेरा जीवन समाज सेवा के साथ जुड़ा हुआ है, मैं राजनीति में भी अपने समाज और गरीबों की विचारधारा से जुड़ा हुआ हूं, गरीबों के घर में उजाला करने का सपना मैंने देखा है, जिसे पूरा करने के लिए हमेशा आत्ममंथन चलता है. साथ ही लिखा कि पूरे गुजरात में मेरी सेना के गरीब युवा अपमानित हुए जिसकी वजह से दुखी और आक्रोशित हैं.
इसके अलावा अल्पेश ने लिखा कि मेरे लिए मेरी ठाकोर सेना ही सबकुछ है, अगर मुझ में सत्ता की लालच या पद प्रतिष्ठा की लालच होती तो मैं और मेरी सेना कांग्रेस के खराब समय में नहीं जुड़ते, इसलिए ये निर्णय करना मेरे लिए काफी दुखदायक है. मेरी सेना का मुझे आदेश है कि जहां पर अपमान और विश्वासघात हो वहां नहीं रहना चाहिए, इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पद से इस्तीफा देता हूं. उन्होंने लिखा कि ऐसी परिस्थिति का निर्माण होगा उसकी मैंने कभी कल्पना नहीं की थी. गहरे दुख और विश्वासघात के एहसास के साथ कांग्रेस पार्टी के सभी पद से इस्तीफा देता हूं, जिसे आप स्वीकार करें. अगर किसी बात की कमी रही हो तो वो सम्मान...सम्मान और सम्मान, साथ ही लिखा कि और अगर कोई चीज मुझे हमेशा मिली हो, तो वो है विश्वासघात...विश्वासघात और विश्वासघात.
दरअसल, मंगलवार को अहमदाबाद में ठाकोर सेना की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में अल्पेश ठाकोर नहीं थे, लेकिन ठाकोर सेना की इस कोर कमेटी ने उन्हें अल्टीमेटम दे दिया कि वो अगले 24 घंटे के अंदर अपना फैसला लें और कांग्रेस से अपना इस्तीफा दें.
फिलहाल अल्पेश ठाकोर राधनपुर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. इस्तीफा देने के बाद वह किस पार्टी में शामिल होंगे अभी तक इस बात का कोई खुलासा नहीं हुआ है. हालांकि, बीते दिनों अल्पेश ठाकोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे और और बीजेपी ज्वॉइन नहीं करेंगे.
अल्पेश ठाकोर ने इस्तीफे की वजह कांग्रेस पार्टी से उन्हें सम्मान नहीं मिलना बताया. आजतक ने अल्पेश ठाकोर के इस्तीफे पर हाल ही में कांग्रेस ज्वॉइन करने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से बातचीत की. हार्दिक ने अल्पेश के आरोप पर कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो 40 सालों से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें विधायक पद का टिकट तक नसीब नहीं होता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अल्पेश को एक साल के अदंर ही पार्टी ने इतना सम्मान दिया कि उन्हें बिहार जैसे राज्य का प्रभारी बना दिया गया, उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की जाएगी.
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