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अलवर मॉब लिंचिंग: पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने से पहले गायों को गौशाला पहुंचाया?

राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग में रकबर खान की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. अलवर के एसपी राजेंद्र सिंह ने आजतक से कहा कि इन आरोपों की जांच की जाएगी.

पुलिस पर लापरवाही के आरोप (फोटो: एएनआई) पुलिस पर लापरवाही के आरोप (फोटो: एएनआई)
देव अंकुर/दिनेश अग्रहरि/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 23 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग में रकबर खान की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप  है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी. यही नहीं, पुलिस ने खुद भी रकबर की पिटाई की. इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई.  

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उक्त आरोपों पर अलवर के एसपी राजेंद्र सिंह ने आजतक से कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. मीडिया में आई खबरों में यह कहा गया था कि रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे लग गए और पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह पहले गायों को गौशाला तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी.

गौरतलब है कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के लालवंडी गांव में गो तस्करी के आरोप में कुछ कथित गोरक्षकों ने रकबर खान नामक एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला था.

असल में मॉब लिंचिंग के इस मामले में रकबर की मौत पर दुख जताने वाली राजस्थान की बीजेपी सरकार खुद घिरने लगी है. बड़ा सवाल है कि क्या भीड़ के साथ मिलकर पुलिस ने भी रकबर उर्फ अकबर को पीटा था और अस्पताल ले जाने के बजाए थाने में लाकर पटक दिया था? पुलिस खुद कह रही है कि रकबार ने सारी कहानी उसे बताई, जबकि डॉक्टर कह रहे हैं कि अस्पताल में वह मृत आया था.

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अलवर के एसपी ने आजतक से कहा, 'इस बात के आरोप हैं कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने से पहले उसकी खुद पिटाई की. हम इस मामले की जांच करना चाहते हैं. यह भी आरोप है कि रकबर को अस्पताल पहुंचाने में देरी की गई. यह मामला एक अतिरिक्त एसपी रैंक के अधिकारी को सौंपा गया है. वह आरोपों को देखेंगे और मामले की जांच करेंगे.'

पहले खुद बीजेपी विधायक ने कहा था कि हमारे कार्यकर्ताओं ने थोड़ी-बहुत पिटाई की थी, उसके बाद पुलिस ने भी पीटा. अब पुलिस को सूचना देने वाला प्रत्यक्षदर्शी कह रहा है कि कीचड़ से सने घायल रकबर खान को पुलिस ने पहले नहलाया और उसके बाद उसे गाड़ी में बैठाया. प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि गायें गौशाला पहले पहुंच गईं और अकबर अस्पताल में बाद में पहुंचा. जब वह गायों को गौशाला छोड़कर कर आए तब तक घायल अकबर थाने में पड़ा था.

अस्पताल के डाॅक्टर का कहना है कि पुलिस घायल को तीन बजे के बाद अस्पताल लेकर आई थी. पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि घटनास्थल से 6 किमी. की दूर अस्पताल तक पहुंचने में उसे 4 घंटे में कैसे लग गए. एसपी राजेंन्द्र सिंह ने कहा कि पुलिस की अगर लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई करेंगे.

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गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पुलिस की कोई गलती नही है. मामला बढ़ता देख अलवर पुलिस से जांच लेकर जयपुर एसपी क्राइम एवं विजिलेंस को दे दी गई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, मॉब लिंचिंग के बाद गंभीर रूप से घायल रकबर खान को घटना से 6 किमी दूर रामगढ़ में स्थ‍ित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में 6 घंटे लग गए. अखबार के अनुसार, ऐसा लगता है कि रकबर को बचाने से ज्यादा गायों को बचाना पुलिस की प्राथमिकता थी, क्योंकि 10 किमी दूर स्थित गौशाला तक गायों को, रकबर को अस्पताल पहुंचाने से एक घंटे पहले ही पहुंचा दिया गया.

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