Advertisement

अमरनाथ यात्रा पर हमले से उठे सुरक्षा को लेकर कुछ अनसुलझे सवाल

दक्षिण कश्मीर में हुए अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसिया यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर चूक हुई तो हुई कहां? बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले ही हमले की चेतावनी दी थी.

अमरनाथ अमरनाथ
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

दक्षिण कश्मीर में हुए अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसिया यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर चूक हुई तो हुई कहां? बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले ही हमले की चेतावनी दी थी. अमरनाथ यात्रा का संचालन  करने वाले श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर राज्यपाल एन. एन. वोहरा द्वारा बुलाई गई आपातकालीन बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया गया.

Advertisement

इससे पहले सन 2000 में इस तीर्थयात्रा पर सबसे बड़ा आतंकी  हमला हुआ था.  तब 30 लोगों की मौत हुई थी.  सोमवार की रात जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमले ने कई अनसुलझे सवालों को जन्म दिया है.

अमरनाथ श्राइन बोर्ड

तीर्थयात्रियो और वाहनों को मंदिर श्राइन बोर्ड से रजिस्टर्ड होना अनिवार्य होता है, तो अब  सवाल यह उठता है कि गुजरात नंबर प्लेट वाली गाड़ी को अनुमति कैसे मिली. यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि चार्टर्ड बस का मालिक कौन है.

 

सिक्योरिटी चेक पॉइंट्स

बिना श्राइन बोर्ड के रजिस्ट्रेशन के आखिर बस कई चेक पॉइंट्स से कैसे गुज़री. सबसे हैरतअंगेज बात तो यह है कि आतंकियों ने तीर्थयात्रियों के जिस समूह पर हमला किया है उसने दो दिन पहले ही तीर्थ यात्रा पूरी कर ली थी.

Advertisement

सुरक्षा चक्र कितना मज़बूत है इसका अंदाज़ा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिना रजिस्ट्रेशन के लगभग 60 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, और किसी ने गौर भी नहीं किया.

 

स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर  का उल्लंघन

जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने भी कहा है कि अधिकारियों की जांच होगी कि बस को शाम पांच बजे यात्रा करने की अनुमति क्यों दी गई.

पुलिस की सक्रियता

तीर्थयात्रा शुरू होने के दो दिन पहले, कश्मीर के महानिरीक्षक मुनीर खान ने एक पत्र लिखा, जिसमें अमरनाथ यात्रियों पर बड़े हमले का अलर्ट जारी किया गया ताकि आतंकी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का सकें.

उसके बावजूद पुलिस ने मार्ग प्रशस्त क्यों नहीं किया .

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement