
हर साल हजारों श्रद्धालु मन में बाबा बर्फानी के दर्शन की आस लिए अमरनाथ यात्रा पर रवाना होते हैं. रास्ते में आने वाली तमाम मुश्िकलों को पीछे छोड़कर भक्त भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं. इस साल भी भक्तों का सैलाब बाबा बर्फानी के दर्शन को उमड़ पड़ा है.
वार्षिक अमरनाथ यात्रा की औपचारिक शुरुआत गुरुवार को हो गई, जब 8000 से अधिक श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर में बनाए गए दो आधार शिविरों से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुए.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 6,065 श्रद्धालुओं का जत्था गुरुवार सुबह गांदेरबल जिले में बने बालटाल आधार शिविर से रवाना हुआ, जबकि पहगाम के पास बनाए गए नुनवान आधार शिविर से 2,330 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ.
करीब दो महीने तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 अगस्त को समाप्त होगी. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा, जो श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, गुरुवार को पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे. वह पारंपरिक 'पूजा' में भी शामिल होंगे, जो यात्रा की शुरुआत मानी जाती है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी गुरुवार को पवित्र गुफा में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करेंगे.
समुद्र तल से 14,500 फुट की ऊंचाई पर बनी इस पवित्र गुफा में इस समय बर्फ की एक ऐसी संरचना बनती है, जिसे श्रद्धालु शिवलिंग मानकर उसकी पूजा-अर्चना करते हैं. अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों और सेना के जवानों की जगह-जगह तैनाती की गई है.