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NGT की सफाई: अमरनाथ में मंत्रोच्चार-आरती पर नहीं लगाई रोक

बता दें कि बुधवार को एनजीटी की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसे हिंदुओं का अपमान बताया था. साथ ही एनजीटी से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी.

अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया: NGT अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया: NGT
नंदलाल शर्मा/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 14 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST

अमरनाथ यात्रा पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने स्पष्टीकरण जारी किया है. एनजीटी ने कहा है कि अमरनाथ को लेकर आदेश की गलत रिपोर्टिंग की गई है. ट्रिब्यूनल ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि मंत्रोच्चारण और आरती पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है. केवल शिवलिंग के सामने ही शांति बनाए रखनी चाहिए.

इसके साथ ही गुफा की सीढ़ियों से पहले लोगों को अपना सामान जमा करना होगा. और गुफा में प्रवेश के लिए एक लाइन में चलना होगा.

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एनजीटी ने साफ किया है कि उन्होंने अमरनाथ गुफा को साइलेंट जोन घोषित नहीं किया है. बस तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं.

VHP ने बताया हिंदुओं का अपमान

बता दें कि बुधवार को एनजीटी की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसे हिंदुओं का अपमान बताया था. साथ ही एनजीटी से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी.

बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए जाते हैं. साथ ही कई जगहों पर घंटियां भी बजाते हैं. लैंड स्लाइड (पत्थर गिरने) की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एनजीटी ने यह कदम उठाया गया है. यही नहीं आदेश में यात्रियों के मोबाइल फोन पर भी बैन लगाने की बात कही गई है.

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वहीं एनजीटी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि कुछ मंदिरों में बात करने की मनाही है और वहां पर साइलेंस जोन है, जैसे बहाई मंदिर, तिरुपति और अक्षरधाम में.

अमरनाथ में ध्वनि के कारण लैंड स्लाइड का खतरा

वहीं अमरनाथ में ध्वनि के कारण लैंडस्लाइड का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में एनजीटी के अनुसार पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने और इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए.

एनजीटी में याचिका देने वाले वकील आदित्य सिंघला ने आजतक को बताया कि एनजीटी ने यह आदेश वहां के इकोलॉजिकल स्ट्रक्चर को देखते हुए दिए हैं, जिससे लैंड स्लाइडिंग की घटनाएं न बढ़े. जब एक साथ सैंकड़ों लोग घंटिया बजाते है या फिर जयकारे लगाते है तो वहां के पर्यावरण को नुकसान होता है.

NGT ने अमरनाथ बोर्ड को लगाई फटकार

आपको बता दें कि पिछले महीने एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को श्रद्धालुओं को पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध न कराने और इस मामले में दिसंबर के पहले हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट न सौंपने को लेकर फटकार लगाई थी.

अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फटकार लगाने के बाद ही एनजीटी की ओर से ये आदेश जारी किया गया है .एनजीटी ने आदेश में कहा कि श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक ही लाइन में जाएं. एनजीटी ने कहा कि श्राइन बोर्ड इस बात की व्यवस्था करे कि यात्री अपना सामान सुरक्षित रूप से रख सके

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बीजेपी नेता बग्गा ने दी NGT को चुनौती

हालांकि इस फैसले पर विवाद भी हो गया है. बीजेपी सरकार ने इस फैसले को हिंदुओं के खि‍लाफ बताया. बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता तेजिंदर पाल बग्गा ने कहा कि वह अमरनाथ यात्रा पर जाएंगे और बम बम भोले और हर हर महादेव का जयकारा लगाएंगे. एनजीटी में हिम्मत है तो उन्हें रोक ले.

आपको बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने आदेश जारी करते हुए माता वैष्णो देवी में एक दिन में सिर्फ 50 हजार यात्री ही दर्शन करने के निर्देश दिए थे. एनजीटी के आदेश के खिलाफ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने उच्चतम न्यालय का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी थी.

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