
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे ट्वीट के बाद अब अमेरिका ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने आतंकवाद रोकने के लिए पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग को रोकने का फैसला किया है. व्हाइट हाउस के सूत्रों ने बताया है कि 255 मिलियन डॉलर (करीब सवा 1600 करोड़ रुपये) की फंडिंग को रोक दिया गया है.
व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि की है. उसकी तरफ से कहा गया है कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है. यानी पाकिस्तान पर लगातार आतंक का समर्थन करने के दावे कर रहे अमेरिका ने अब फंडिंग रोककर अपना रुख भी साफ कर दिया है.
पाकिस्तान से मिला धोखा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को 'झूठ और धोखे' के सिवाए कुछ न देने की बात कही थी. साथ ही ट्वीट में लिखा था कि पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में पाकिस्तान ने आतंकवादियों को 'पनाह' देने का काम किया है. ट्रंप के इस ट्वीट के बाद ही अमेरिका का एक्शन सामने आ गया और फंड पर रोक लगा दिया गया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए.' अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा.
पाकिस्तान का पलटवार
ट्रंप के बयान के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उसे आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध के समर्थन में उसके सभी कदमों के बदले 'अपशब्द और अविश्वास' के सिवाए कुछ नहीं मिला.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, 'पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधी सहयोगी के तौर पर अमेरिका को जमीन और वायु संपर्क, सैन्य अड्डे एवं खुफिया सूचना सहयोग दिया जिससे पिछले 16 सालों में अल-कायदा को खत्म करने में उन्हें मदद मिली लेकिन उन्होंने अपशब्दों और अविश्वास के सिवाए हमें कुछ नहीं दिया. उन्होंने सीमा पार आतंकवादियों की पनाहगाहों की अनदेखी की जिन्होंने पाकिस्तानियों की हत्या की.' पाकिस्तान पर ट्रंप के कड़े रुख का कई अमेरिकी सांसदों ने समर्थन किया है.
सैन्य क्षेत्र में 70 फीसदी फंड
आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद खुलकर पाकिस्तान की मदद की है. इस मदद में बजट का बड़ा हिस्सा सैन्य मदद के तौर पर दिया गया है या इस्तेमाल किया गया है. जबकि शिक्षा और दूसरे मदों में एक चौथाई फंड दिया गया. सेंटर फॉर ग्लोबल डवलवमेंट के मुताबकि, वित्तीय वर्ष 2002 से 2009 के बीच आर्थिकी से जुड़े मदों में सिर्फ 30 फीसदी फंड दिया गया है. जबकि 70 फीसदी मदद सैन्य क्षेत्र में दी गई है. वहीं 2010 से 2014 के बीच सैन्य मदद में थोड़ी कमी आई है और आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में कुल मदद का करीब 41 फीसदी दिया गया.