Advertisement

ट्रंप की साइबर सुरक्षा सलाहकार समिति के 7 सदस्यों का इस्तीफा

सदस्यों ने साइबर सुरक्षा के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण में खामियों का हवाला दिया. सामूहिक त्याग पत्र में कहा गया है, "साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण प्रणालियों, जिस पर सभी अमेरिकी निर्भर हैं और जिस पर हमारा लोकतांत्रिक चुनाव भी निर्भर है, पर बढ़ते खतरे पर आपने अपर्याप्त ध्यान दिया."

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
नंदलाल शर्मा
  • वॉशिंगटन,
  • 28 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की साइबर सुरक्षा सलाहकार समिति के सात सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. सदस्यों ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति का साइबर खतरों पर पर्याप्त ध्यान नहीं है. फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवायजरी काउंसिल के सात सदस्यों (जो नेशनल साइबर सिक्योरिटी का काम भी देखते थे) ने सामूहिक रूप से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि ट्रंप प्रशासन मोरल इंफ्रास्ट्रक्चर को कमतर आंक रहा है.

Advertisement

सदस्यों ने साइबर सुरक्षा के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण में खामियों का हवाला दिया. सामूहिक त्याग पत्र में कहा गया है, "साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण प्रणालियों, जिस पर सभी अमेरिकी निर्भर हैं और जिस पर हमारा लोकतांत्रिक चुनाव भी निर्भर है, पर बढ़ते खतरे पर आपने अपर्याप्त ध्यान दिया."

पत्र में वर्जिनिया के चार्लोटविले में हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद नव नाजियों और गोरे अतिवादियों की भर्त्सना करने में ट्रंप की असफलता का भी जिक्र है.

इस्तीफा देने वालों में पूर्व अमेरिकी चीफ डेटा साइंटिस्ट डी. जे. पाटिल और पूर्व ऑफिस ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी पॉलिसी चीफ ऑफ स्टॉफ क्रिस्टीन डोरगेलो शामिल हैं. दोनों ही ओबामा के शासनकाल में नियुक्त हुए थे.

सदस्यों ने पत्र में कहा, "मोरल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे देश का आधार है, जिस पर हमारा भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर निर्मित है. प्रशासन के कार्यकलापों ने इसके महत्व को कम करके आंका."

Advertisement

ट्रंप ने अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी के उस निष्कर्ष का अनुमोदन नहीं किया था, जिसमें कहा गया था कि रूस ने हैकिंग कर प्रोपगेंडा के माध्यम से 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement