
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के साथ शांति कायम करने के लिए ऐसे रास्ते पर नहीं बढ़ सकते जिससे उनके देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती हो. अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ वाणिज्यिक संबंध फिर से स्थापित करने के लिए उसके साथ भरोसा कायम करना पाकिस्तान के हित में है.
विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की अगले सप्ताह भारत और पाकिस्तान की पहली यात्रा के मद्देनजर अधिकारी उन सवालों का जवाब दे रहे थे कि क्षेत्र में खासतौर से पाकिस्तान के साथ शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भारत क्या कर सकता है.
अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, 'हर किसी को यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्र में शांति चाहते हैं, लेकिन वह शांति कायम करने के लिए ऐसे कोई कदम नहीं उठा सकते जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ती हो. इसलिए पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता शुरू करना उनके फैसले पर निर्भर करता है.'
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान बातचीत करें. हमारा मानना है कि बातचीत करना और विश्वास कायम करना और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की राह पर चलना उनके लिए महत्वपूर्ण है, जिससे दोनों देश समृद्धि के अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचेंगे.'
अधिकारी ने कहा कि पठानकोट आतंकवादी हमले समेत पाकिस्तान की ओर से लगातार होते हमलों के बाद भारत सरकार ने तब तक पाकिस्तान से बातचीत ना करने का निर्णय लिया जब तक वह उसके खिलाफ आतंकवादियों का समर्थन करना बंद नहीं करती.
उन्होंने कहा कि अब भारत की नीति है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते जैसा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था और तब से अब तक कई बार इस बात को दोहराया जा चुका है. अधिकारी ने कहा, मेरा मानना है कि भारत को इस पर खुद फैसला लेना है और भारत सबसे अच्छा निर्णय लेगा. निश्चित तौर पर राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी समझदारी और उनकी नेतृत्व क्षमता का बड़ा सम्मान करते हैं.