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अमेरिका चाहता है, उत्तर कोरिया मामले में और कदम उठाए भारत

उत्तर कोरिया ने बुधवार को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी जिस पर प्योंगयांग के शीर्ष नेता किम जोंग उन ने कहा था कि यह उनके देश को अमेरिका में कहीं भी मिसाइल दागने की क्षमता देती है.

PM नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप PM नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप
नंदलाल शर्मा
  • वाशिंगटन ,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

ग्लोबल खतरा बताते हुए अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह भारत से उम्मीद करता है कि वह अमेरिका और उसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों की प्योंगयांग द्वारा उसके मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने के लिए उस पर दबाव बनाने में मदद के लिये और कदम उठाए.

उत्तर कोरिया ने बुधवार को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी जिस पर प्योंगयांग के शीर्ष नेता किम जोंग उन ने कहा था कि यह उनके देश को अमेरिका में कहीं भी मिसाइल दागने की क्षमता देती है.

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विदेश विभाग के प्रवक्ता हीथर नाउर्ट ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से बहुत अच्छे संबंध हैं. इन देशों के साथ हमारे निरंतर संवाद का एक हिस्सा उत्तर कोरिया के मुद्दे पर मदद के लिए और कदम उठाने को लेकर होता है. मदद के लिए और प्रयास कीजिए.

सभी देशों से उत्तर कोरिया से संबंध समाप्त करने का आग्रह

अमेरिका ने सभी देशों से उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंध समाप्त करने का आग्रह किया है. उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद यह कदम उठाया है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने चीनी समकक्ष से उत्तर कोरिया को दी जाने वाली तेल आपूर्ति बंद करने को कहा है.

युद्ध हुआ तो नष्ट हो जाएगा उत्तर कोरिया

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हेली ने कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता. यदि युद्ध हुआ तो उत्तर कोरिया पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. उत्तर कोरिया द्वारा लगभग दो महीने बाद मिसाइल परीक्षण के बाद यह चेतावनी दी गई है.

उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि बुधवार को दागी गई मिसाइल लगभग 4,475 किलोमीटर की ऊंचाई तक गई लेकिन विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया के इन दावों पर संदेह जताया है. उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने इस परीक्षण को बेजोड़ और सफल बताया है.

हेली ने कहा, "जरूरत है कि चीन इस दिशा में अधिक कदम उठाए. राष्ट्रपति ट्रंप ने आज सुबह शी जिनपिंग से बात की और उन्हें बताया कि अब हम ऐसे मुकाम पर खड़े हो गए हैं, जहां चीन को उत्तर कोरिया के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने चाहिए."

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