
क्या आपने कभी सोचा है कि अमेरिका ने इराक पर हमला करके सद्दाम हुसैन का तख्तापलट क्यों किया, क्यों वो सीरिया से राष्ट्रपति बशद अल असद को हटाने पर तुला हुआ है, क्यों उसे अब नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से दिक्कत है. इसका जवाब आप जमीन के ऊपर तलाशेंगे तो आपको कुछ नहीं मिलेगा. जवाब जानना है तो जमीन के नीचे तलाशिए, क्योंकि ये सारा खेल जमीन के नीचे खेला जा रहा है. ऊपर जो होता दिख रहा है, वो तो बस दिखावा है. असली खेल हम आपको दिखाएंगे. देखिए और समझिए की दुनिया की राजनीति जैसी दिखती है, वैसी होती नहीं.
इराक से सद्दाम का तख़्तापलट. सीरिया से असद को हटाने की कोशिश और अब नॉर्थ कोरिया में किम से जंग की तैयारी. दूसरे देशों में घुसकर लोकतंत्र लागू कराने के लिए आखिर अमेरिका इतनी जद्दोजहद करता क्यों है. क्यों उसे दूसरे देशों की जनता की फिक्र सताती है. क्या वाकई इतना हमदर्द है अमेरिका. हालांकि बहुत से ऐसे देश हैं जहां लोग अभी भी लोकतंत्र के लिए तरस रहे हैं. उन देशों से अमेरिका की दांत काटी दोस्ती भी है. तो फिर इस मेहरबानी की सच्चाई क्या है. ज़मीन के ऊपर से अगर देखेंगे तो लगेगा जैसे अमेरिका मसीहा. मगर लोग ऐसा इल्ज़ाम लगाते हैं कि अमेरिका ने जंग ज़मीन के ऊपर सत्ता बदलने के लिए बल्कि ज़मीन के नीचे छिपे खज़ाने लिए लड़ी. हालांकि ये तमाम आरोप ही हैं.
मगर फिर आइये जानते हैं कि पहले इराक.. फिर सीरिया और अब नॉर्थ कोरिया की ज़मीनों के नीचे आखिर ऐसा क्या है.. जिसकी वजह से अमेरिका जैसे देश पर ये इल्ज़ाम लगाने की कोशिश हो रही है. दरअसल, इराक के लिए पेट्रोल, सीरिया के लिए गैस और नॉर्थ कोरिया के लिए खनिज पदार्थ उनकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. अगर उनसे ये ही छीन लिया तो उन्हें सड़क पर आते देर नहीं लगेगी. और जो इसे हासिल कर ले उसे रईस होने में देर नहीं लगेगी. सीरिया और इराक से अलग अमेरिका ने फिलहाल अपनी सारी ताकत नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की नकेल कसने में लगा रखी है. अमेरिका आरोप लगाता है कि किम जोंग उन हथियारों के लिए अपनी सनक और अय्याशी के लिए वहां की जनता का भूखा मार रहा है. हालांकि नॉर्थ कोरिया उसे सिर्फ और सिर्फ अमेरिकी प्रोपेगैंडा बताता है.
फिलहाल हालात ऐसे बन पड़े हैं कि नार्थ कोरिया अमेरिका पर और अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर हमले की धमकी दे रहा है. परमाणु जंग की आशंका वाले हालात बन चुके हैं. इतना ही नहीं अमेरिका ने अपना जंगी बेड़ा कोरियाई पेनिनसुला में उतार रखा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ अमेरिका या उसके सहयोगी ही नहीं बल्कि चीन जैसे कई देशों की नज़र उत्तर कोरिया की जमीन में खनिज पदार्थों के रूप में दफ्न सोने पर है. कुछ इस सोने को दोस्त बनकर तो कुछ कब्ज़ा कर के हासिल करना चाहते हैं. आपको बता दें कि ये ऐसे इंडरग्राउंड रिसोर्सेज़ हैं जिन्हें अभी छुआ भी नहीं गया है. और इन्हें निकालने की सही तकनीकि का इस्तेमाल किया गया तो रातोंरात नार्थ कोरिया इतना अमीर हो जाएगा कि कोई अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता. यहां 200 से ज़्यादा बेशकीमती खनिज हैं.
अब ज़रा इन 200 से ज़्यादा बेशकीमती मिनिरल्स की अंदाज़न कीमत भी सुन लीजिए. अगर इन्हें प्रॉपर तरीके से निकाला जाए तो इनकी कीमत होती है करीब 4,760 खरब रुपए. ये इतनी रकम है कि अगर इसे बांटा जाए तो इस धरती पर रहने वाले हर इंसान के खाते में 67 हजार रुपए आएंगे. जानकार आरोप लगाते हैं कि नॉर्थ कोरिया के बारे में दुनिया सिर्फ उतना ही जानती है जितना अमेरिका बताना चाहता है. इस सच्चाई को हमेशा दुनिया से छिपा कर रखा गया कि उत्तर कोरिया की एक सच्चाई ये भी है. जो रातों रात उसकी दुनिया बदल सकती है. ज़ाहिर है पैसों और तकनीक की कमीं की वजह से किम जोंग उन अपनी ही धरती पर गड़े इस सोने को बाहर निकाल नहीं पा रहा है. मगर उसे अपनी इस ताकत का अहसास है.
किम जोंग उन के हथियार प्रेम की वजह से नॉर्थ कोरिया पहले ही काफी प्रतिबंध झेल रहा है. और जंग के हालात में अमेरिका की पहली कोशिश यही है कि वो नॉर्थ कोरिया के आर्थिक ज़रियों पर नकेल कसे ताकि अब आगे वो और परमाणु या मिसाइल परीक्षण न कर सके. जंग की स्थिति में इस तानाशाह को काबू में किया जा सके. वहीं दूसरी तरफ एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए हमले के बजाए किम जोंग उन को मरवाने की साज़िश रच रही है ताकि तानाशाह का खतरा भी न रहे और नॉर्थ कोरिया में कोई ऐसी सरकार बने जो अमेरिकी हितों के लिए माकूल हों. हालांकि ऐसा नहीं कहा जा सकता है अमेरिका सिर्फ अपना हित साधने के लिए उत्तर कोरिया से जंग चाहता है. बल्कि उसकी कोशिश अपने राष्ट्र को किम जोंग उन के परमाणु मिसाइलों से सुरक्षित करने की भी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि अब अगर उत्तर कोरिया ने किसी तरह का कोई परमाणु या मिसाइल परीक्षण किया तो अमेरिका उस पर हमला करने से नहीं हिचकेगा. मगर क्या अमेरिका के लिए उत्तर कोरिया पर हमला करना इतना आसान होगा. शायद नहीं. क्योंकि अमेरिका के रास्ते में चार ऐसे रोड़े हैं जिनके चलते लाख चाहने पर भी अमेरिका उत्तर कोरिया पर हमला नहीं कर सकता.