Advertisement

ट्रंप के NSA की दो टूक- चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सबसे बड़ा खतरा, अब शराफत नहीं दिखाएगा अमेरिका

अमेरिका और चीन के बीच जारी कोल्ड वॉर अब तेज़ होती जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी ने बयान दिया है कि अब अमेरिका चीन के प्रति कोई नरम रुख नहीं रखेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (पीटीआई) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

  • अमेरिका और चीन में कोल्ड वॉर जारी
  • ट्रंप के एनएसए ने किया चीन पर वार

अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने एक बार फिर चीन को चेतावनी दी है. ओब्रायन का कहना है कि अमेरिका अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का खतरा पहचान गया है और उसे आगे बढ़ने नहीं देगा.

Advertisement

एक संबोधन में रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा कि अमेरिका लगातार चीन को सम्मान देता था, लेकिन चीन की हरकतें ऐसी नहीं हैं. ऐसे में अब अमेरिका के अच्छे व्यवहार के दिन अब लद गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में चीन को जवाब दिया जाएगा.

बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में सवा लाख के करीब मौत हो गई हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हो या फिर उनकी कैबिनेट का कोई भी सदस्य, इसके लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है.

चीनी फौज से कम नहीं भारतीय सेना, अगर जंग हुई तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

यहां रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा कि अमेरिका की पिछली सरकारों ने चीन में काफी निवेश किया, उसके इंजीनियर को ट्रेनिंग भी दी, जो गलती थी. हमें उम्मीद थी कि अगर चीन आगे बढ़ेगा तो वह अपने लोगों को कुछ अधिकार देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वह चीनी लोगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं.

Advertisement

अमेरिकी NSA ने कहा कि साइबर तौर पर भी चीन अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहा है और लाखों अमेरिकियों का डाटा इकट्ठा कर रहा है. अब ट्रंप प्रशासन ऐसी चीनी कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है. गौरतलब है कि अमेरिका में इस साल चुनाव होने हैं और ऐसे में कोरोना वायरस एक बड़ा मसला बन रहा है, यही कारण है कि चीन इस वक्त मुद्दा बना हुआ है.

बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व NSA जॉन बोल्टन की किताब में राज खुला था कि डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में जीत के लिए चीन की मदद मांगी थी, यही कारण है कि अब ट्रंप और उनके सहयोगी छवि सही करने में जुटे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement