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हनुमान दलित टिप्पणी मुझे अनुचित नहीं लगती, योगी से पूछो: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि योगी एक बड़े सूबे के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने हनुमान का वर्णन किया है वो बेहतर बता पायेंगे. उन्होंने कहा कि दलित जात नहीं होती. मीडिया उसे गलत तरह से दिखा रहा है. यदि मीडिया को अनुचित लगता है तो उन्हें योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह.
आदित्य बिड़वई
  • जयपुर,
  • 29 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पंचायत राजस्थान कार्यक्रम में हनुमान के दलित आदिवासी होने के सवाल पर कहा कि, " हनुमान दलित हैं जैसी टिप्पणी मुझे अनुचित नहीं लगती, आपको योगी से पूछना चाहिए. उन्होंने रामायण के एक पक्ष को अपने हिसाब से बताया है."

योगी एक बड़े सूबे के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने हनुमान का वर्णन किया है वो बेहतर बता पायेंगे. उन्होंने कहा कि दलित जात नहीं होती. मीडिया उसे गलत तरह से दिखा रहा है. यदि मीडिया को अनुचित लगता है तो उन्हें योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए.

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अच्छा हुआ अर्थशास्त्री देश का वित्तमंत्री नहीं है...

शाह ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के नोटबंदी डिजास्टर बयान को लेकर कहा कि अच्छा है कि एक अर्थशास्त्री देश का वित्तमंत्री नहीं है. वरना देश का कुछ भी हो सकता था.

शाह ने कहा कि नोटबंदी को डिजास्टर कहना उनका एक विचार था. अच्छा हुआ कि वो वित्तमंत्री नहीं है. नहीं तो गलत फैसले ले लेते. वित्तमंत्री बड़ा या फिर आर्थिक सलाहकार यह हमें समझना चाहिए.

पाकिस्तान पर क्या बोले अमित शाह...

भारत- पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहेब को कॉरिडोर ऑफ़ पीस के रूप रखने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि यदि पाकिस्तान में आर्मी और सरकार साथ है तो कभी शांति हो ही नहीं सकती. पाकिस्तान शांति चाहता है तो उसे आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करना होगा. यदि ऐसा होता है तो अपने आप शांति होगी.

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नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि सिद्धू को पता ही नहीं कि वो कहां खड़े हैं. इसलिए वो राहुल गांधी के साथ चले गए. यही कारण है कि उनके साथ खालिस्तान आतंकी खड़ा था.

हम करतारपुर साहेब कॉरिडोर खुलवाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास नहीं गए थे. सिद्धू वहां गए. परिणाम शपथ विधि में जाने से नहीं आते हैं.

कांग्रेस ने छोड़ दिया था करतारपुर साहेब...

कांग्रेस ने बंटवारे के समय से करतारपुर साहेब को छोड़ दिया था. महज चार किलोमीटर दूर होने के बावजूद कांग्रेस उसके लिए रास्ता खोल नहीं पाई. कांग्रेस सोती रही. एक गांव को भारत में शामिल नहीं कर पाई.

सिख श्रद्दालु करतारपुर साहेब को पूजते हैं, लेकिन कांग्रेस को यह बात कभी नहीं समझी. इसलिए हमने पाकिस्तान से बात करके करतारपुर साहेब के लिए रास्ता खोला. हम केवल राजनीति नहीं कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की करतारपुर साहेब के प्रति श्रद्धा है. मैं भी वहां जाऊंगा.

“ To get latest update about Rajasthan elections SMS RJ to 52424 from your mobile . Standard  SMS Charges Applicable ”

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