
2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपने साथियों के साथ मिलकर रणनीति बनाने में जुट गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आज बिहार दौरे पर हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर रहे हैं. दोनों पार्टियों के बीच बीते दिनों सीट बंटवारे को लेकर तल्खी दिख रही थी, लेकिन इस बैठक के बाद दोनों ही साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे.
दोनों नेताओं की बैठक को देखते हुए पार्टियों के नेताओं ने भी अपने रुख में बदलाव किया है. आजतक से बात करते हुए जेडीयू के बड़े नेता केसी त्यागी ने कहा कि एनडीए 2019 का चुनाव एक साथ लड़ेगा और बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगा. त्यागी ने कहा कि हम इस बात को मान रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी बड़ी पार्टी है, लेकिन विधानसभा स्तर JDU बड़ी पार्टी है. इस बात को पूरा देश मानता है कि बीजेपी बड़ी पार्टी है. जेडीयू नेता बोले कि ये समय की मांग है कि NDA साथ में चुनाव लड़े.
उन्होंने कहा कि हम 2014 में अलग चुनाव लड़े थे और 2 सीट लाने के बावजूद राज्य में हमारा वोट प्रतिशत काफी अच्छा था. अगर 2014 की JDU और 2014 का एनडीए 2019 में साथ मिलकर चुनाव लड़ता है तो हम 40 में से 38 सीटें जीतेंगे.
आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से बीजेपी और जेडीयू के नेता सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे थे. जिसको लेकर माहौल लगातार गर्माता जा रहा था. केसी त्यागी बोले कि अब शाह-नीतीश की बैठक हो रही है, कोई नेता बयानबाजी नहीं कर रहा है. दोनों ही साथ में चुनाव लड़ने को बिल्कुल तैयार है.
गौरतलब है कि अमित शाह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे हैं, दोनों नेता नाश्ते पर गठबंधन को लेकर चर्चा करेंगे. नीतीश कुमार और अमित शाह के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद हैं. नाश्ते पर शाह-नीतीश और सुशील मोदी के अलावा बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय भी मौजूद हैं.
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में इन 40 सीटों में से एनडीए को कुल 31 सीटों पर जीत हासिल हुई. एनडीए की 31 सीटों में बीजेपी ने 22, लोजपा ने 6 और RLSP ने 3 सीटों पर कब्जा जमाया. तब जेडीयू अकेले चुनावी समर में उतरी थी तो चालीस सीटों में से दो सीटों पर ही जीत मिली थीं, लेकिन जेडीयू का मानना है कि बुरे हालात में भी 16-17 फीसदी वोट हासिल हुए.