
अमिताभ बच्चन ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट्स की वजह से चर्चा में रहते हैं. लेकिन इन दो प्लेटफॉर्म्स के अलावा उनके ब्लॉग्स भी लोगों का ध्यान खींचते हैं. अपनी लेटेस्ट ब्लॉग में अमिताभ ने भरे दिल से उस पेड़ को अलविदा कहा, जो उनके दूसरे घर 'प्रतीक्षा' में सालों से खड़ा था. ब्लॉग में एक्टर ने अपने मां-बाबूजी से लेकर अभिषेक बच्चन-ऐश्वर्या राय की शादी तक के किस्से भी साझा किए जो इस घर से और वहां खड़े उस पेड़ से जुड़े थे.
अमिताभ लिखते हैं- 'इसने (गुलमोहर के पेड़ ने) अपना सेवाकाल समाप्त किया और अब गिर चुका है....अपनी जड़ों से टूटकर अलग गिर चुका है...और इसी के साथ इसकी 43 साल पुराना इतिहास भी गिर गया है. इसकी जिंदगी ओर वह सब कुछ जिसका वह प्रतिनिधित्व करता था.'
'जब हम 1976 में पहली बार यहां आए थे, वह घर जो मेरी पीढ़ी का पहला खरीदा और बनाया घर है, और जिसे हम अपना कह सकते थे. लॉन के बीचों बीच इस नन्हें से पौधे को रोपा गया...मां और बाबूजी ने घर देखा, जो हमारे साथ यहां रहने आए थे और उन्होंने इसे नाम दिया 'प्रतीक्षा' ये उनके काम से उपजा नाम था. स्वागत सबके लिए यहां पर, नहीं किसी के लिए प्रतीक्षा'
प्रतीक्षा में हुई थी अभिषेक-ऐश्वर्या की शादी
'बच्चे इसी के आस पास बड़े हुए और फिर नाती-पोते भी...उनका जन्मदिन और त्योहार के मौसम में जब यह गुलमोहर का खूबसूरत पेड़ सजता था...गर्मियों में अपने सुर्ख नारंगी रंग के फूलों से...इससे कुछ ही दूरी पर बच्चों की शादी हुई और यह एक गार्जियन की तरह खड़ा रहा. किसी बुजुर्ग के गुजर जाने पर इसकी टहनियां अफसोस और शो से झुक जाती थी...बाबूजी, मां जी..तेरहवीं पर उनकी प्रार्थना सभा...होलिका पर इसी के आसपास बुराई को जलाया गया...दीपावली में इसे रोशनी से सजाया गया...सत्यनारायण की पूजा और सुख-समृद्धि के लिए हवन...सब इसकी कृपादृष्टि में हुआ.'
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'और आज सभी दुखों से दूर ये चुपचाप गिर पड़ा, बिना किसी को चोट पहुंचाए...फिसलकर नीचे बिना हिले डुले पड़ा रहा...मानसून के फव्वारे के बावजूद इसकी टहनियां और पत्ते हिल नहीं रहे...मौत में भी शांत, विशाल और उदार...'
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अमिताभ बच्चन ने अपने इस गुलमोहर के पेड़ के लिए कविता भी लिखी है. 'उंगली भर कोंपल लगाई थी हमने, इस बहु सुंदर गुलमोहर वृक्ष की, चालीस तीन बरसों तक साथ दिया उसने, आज अचानक हमें छोड़ दिया उसने, ऐतिहासिक वर्ष बिताए थे हमने, इसकी सुगंधित छत्र छाया में, शोक है दर्द है, फिर से उगाएंगे हम, इक नयी कोंपल पल भर में.' उन्होंने इस पेड़ की तस्वीरें भी अपने ब्लॉग में शेयर किए हैं.