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आम्रपाली ग्रुप की बढ़ी मुसीबत, दिवालिया घोषित करने की अर्जी मंजूर, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस

आम्रपाली ग्रुप के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार को एक तरफ ग्रुप की कंपनी अल्ट्रा होम्स के खिलाफ दिवालिया घोष‍ित करने की अर्जी मंजूर हो चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ  सुप्रीम कोर्ट ने ग्रुप को नेाटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस उन 55 फ्लैट खरीददारों की याचिका पर भेजा है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया घो‍ष‍ित करने पर रोक लगाने की अपील की है. 

आम्रपाली ग्रुप की बढ़ी मुसीबत आम्रपाली ग्रुप की बढ़ी मुसीबत
विकास जोशी
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  • 06 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

आम्रपाली ग्रुप के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार को एक तरफ ग्रुप की कंपनी अल्ट्रा होम्स के खिलाफ दिवालिया घोष‍ित करने की अर्जी मंजूर हो चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ  सुप्रीम कोर्ट ने ग्रुप को नेाटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस उन 55 फ्लैट खरीददारों की याचिका पर भेजा है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कंपनी को दिवालिया घो‍ष‍ित करने पर रोक लगाने की अपील की है.  

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एनसीएलटी ने अर्जी की मंजूर

ग्रुप की अल्ट्रा होम्स कंपनी के खिलाफ दिवालिया घो‍ष‍ित करने की अर्जी  मंजूर होने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी भी मंजूर हो चुकी है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने अर्जी मंजूर कर दी है. नेशनल कंपनी लॉन ट्रिब्यूनल ने संजय गुप्ता को आईआरपी के तौर पर नियुक्त किया है. इसकी वजह से उन 40 हजार से भी ज्यादा घर खरीददारों को झटका लगा है, जिन्होंने कंपनी के रिएलिटी प्रोजेक्ट में घर लिए हैं.

चार हफ्तों के भीतर जवाब दे ग्रुप : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा स्थ‍ित प्रोजेक्ट के खरीददारों की याचिका पर ग्रुप को नोटिस भेजा है. सुप्रीम  कोर्ट ने ग्रुप को इस नोटिस का जवाब अगले चार हफ्तों के बीच देने के लिए कहा है.

बैंक ऑफ बड़ोदा ने डाली है याचिका

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अल्ट्रा होम्स के ख‍िलाफ दिवालिया घोष‍ित करने की प्रक्रिया बैंक ऑफ बड़ोदा की याचिका पर की गई है. बैंक ऑफ बड़ोदा ने कंपनी के ग्रेटर नोएडा स्थ‍ित प्रोजेक्ट के लिए लोन दिया था. अब उसने लोन का बकाया पैसा वसूलने के लिए एनसीएलटी का रुख किया है.

संजय गुप्ता आईआरपी नियुक्त

एनसीएलटी की मुख्य पीठ ने यह फैसला सुनाया. संजय गुप्ता इन्सोलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) के तौर पर इस मामले से जुड़ेंगे. उनका काम होगा कि वह बैंक ऑफ बड़ोदा के बकाया कर्ज को वसूलने के लिए सबसे मुफीदा रास्ता बताएं. इसमें वह इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि प्रॉपर्टी की कीमतों पर कोई असर न पड़े.

समाधान ढ़ूंढने के लि‍ए हैं 180 दिनों का वक्त

आईआरपी के पास समाधान ढूंढने के लिए 180 दिनों का समय है. अगर वह इस बीच समाधान नहीं ढूंढ़ पाते हैं, तो उन्हें नियम के मुताबिक 90 दिन और मिलेंगे. अगर इसके बाद भी कोई फैसला नहीं आता है, तो कंपनी के खिलाफ दिवालिया घोष‍ित करने की प्रक्रिया शुरू करन दी जाएगी.

आईआरपी नये निवेशक खोजकर इस मामले का समाधान कर सकते हैं. वह ऐसे निवेशक ढूंढने की कोश‍िश करेंगे, जो बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के साथ ही कंपनी की अन्य जिम्मेदारियों को भी संभालेगा.

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