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पाक के बुलावे पर सुषमा के बाद अमरिंदर ने भी किया इनकार, सिद्धू ने भरी हामी

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में जाने से इनकार करने के बाद अब सबकी निगाहें नवजोज सिंह सिद्धू पर टिकी हैं.

कैप्टन अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब (फाइल फोटो:Twitter/@capt_amarinder) कैप्टन अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब (फाइल फोटो:Twitter/@capt_amarinder)
विवेक पाठक/आनंद पटेल
  • चंडीगढ़,
  • 25 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शामिल होने का पाकिस्तान का निमंत्रण ठुकरा दिया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस अवसर पर पंजाब सरकार में मंत्री और क्रिकेट जमाने से उनके साथी नवजोत सिंह सिद्धू को भी बुलाया है और उन्होंने यह निमंत्रण सहर्ष स्वीकार भी कर लिया है.

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सीमा पर शहीद हो रहे जवान, आईएसआई रच रही साजिश

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पत्र लिखकर इस ऐतिहासिक आयोजन का स्वागत किया है, लेकिन इस कार्यक्रम में अपने शामिल न होने को लेकर खेद जताया है. उन्होंने पाकिस्तान न जाने की दो वजहें बताई हैं. पहली वजह यह है कि ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता जब जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा पर भारतीय जवान शहीद नहीं होते. उन्होंने कहा कि स्तिथियां सामान्य होने की बजाय बिगड़ती जा रही हैं.

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दूसरी वजह यह बताई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि मार्च 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद आईएसआई से जुड़े 19 मॉड्यूल का पता चला है, 81 आतंकवादी पकड़े गए और उनके पास से जो हथियार मिले हैं वे पाक निर्मित हैं. उन्होंने पिछले रविवार को अमृतसर के पास ग्रेनेड हमले में भी पाकिस्तान के शामिल होने का जिक्र किया.

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उन्होंने आशा जताई कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस बात को समझेंगे कि इन हालातों में वे इस ऐतिहासिक अवसर पर वहां नहीं जा सकते. अमरिंदर सिंह ने कहा कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाकर प्रार्थना करने का उनका सपना है, और भविष्य में हालात सामान्य होने, शत्रुता और हिंसा बंद होने पर वे जरूर जाएंगे.

सिद्धू ने स्वीकार किया निमंत्रण

वहीं पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए चिट्ठी लिखकर अपना जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर निमंत्रण के लिए आभारी हैं, और आशा व्यक्त की है कि इस ऐतिहासिक कदम से दोनो देशों के बीच शांति स्थापित होगी.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भारत में कल रखेंगे आधारशिला

बता दें कि भारत में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू 26 नवंबर को डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की आधारशिला रखेंगे. यह सड़क गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाएगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इस मौके पर उपस्थित रहेंगे. सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है.

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में करतारपुर सड़क गलियारे के निर्माण का 22 नवंबर, 2018 को फैसला किया. इस सड़क का निर्माण भारत-पाकिस्तान सीमा तक एकीकृत विकास परियोजना के रूप में किया जाएगा. इस गलियारे के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेक सकेंगे.

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पाकिस्तान में इमरान खान 28 नवंबर को कॉरिडोर का शिलान्यास करेंगे. इससे पहले गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने इस कॉरिडोर के लिए इमरान खान का धन्यवाद किया था. सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि धन्यवाद इमरान खान. हम इस सकारात्मक कदम का स्वागत करते हैं. यह मानवता के लिए एक बड़ी सेवा है.

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