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रांझणा से पहले इल्म था 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' बनेगी: आनंद एल रॉय

बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार परफॉर्मेंस दर्ज करवाने वाली फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' की चर्चा दर्शकों से लेकर बॉलीवुड दिग्गजों तक हो रही है.

आनंद एल रॉय आनंद एल रॉय
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 28 मई 2015,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार परफॉर्मेंस दर्ज करवाने वाली फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' की चर्चा दर्शकों से लेकर बॉलीवुड दिग्गजों तक हो रही है. दर्शकों से लेकर क्रिटिक्स और कलाकारों का दिल जीतने में कामयाब हुई इस फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल रॉय से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ अंश:

आपकी फिल्म की तारीफ हर तरफ हो रही है क्या कहना चाहेंगे आप?
शुक्रिया, बहुत बहुत शुक्रिया, मैं बेहद खुश हूं.

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इस फिल्म की नीव कैसे रखी आपने?
कहानी, कहानी से बढ़कर कुछ नहीं है, जब 'तनु वेड्स मनु' खत्म हुई थी तब इसका बीज आ चुका था. कहानी सुनाने का मन था और मुझे लगा ये सारे किरदार मुझसे छूट नहीं पाएंगे. मैं असल में फिल्म का सीक्वल नहीं बनाना चाह रहा था इसलिए मैंने एक तरह से एक्टर्स और खुद को 4 साल का गैप देना सही समझा.

जब आप 'रांझणा' बना रहे थे तो क्या 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' का ख्याल आया था ?
हां बिल्कुल था, मुझे ये नहीं पता था कि कैसे और कब आएगा लेकिन रांझणा से पहले इतना इल्म था कि 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' बनेगी. रांझणा के ठीक बाद हम लोगों ने निर्णय लिया की अब सही वक्त है कहानी सुनाने का.

दोहरी भूमिका में कंगना को पेश करना मुश्किल या आसान, कैसा था ?
मुश्किल तो क्या कहूं, आसान नहीं था पर मजा आता है. मैंने कभी भी आसान फिल्में नहीं बनाना चाहा इसलिए मुझे मुश्किल कामों में ही मजा आता है.

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दत्तो के किरदार के दौरान कंगना का हरियाणवी भाषा में एक लंबा डायलॉग है, कितने टेक्स लिए उन्होंने इसके लिए?
मैंने भी नहीं गिने टेक्स मैं वैसे भी नहीं गिनता, खेल है ये एक एक्टर के भीतर से दूसरा किरदार निकालना बहुत ही दिलचस्प होता है. इसलिए उस समय ध्यान टेक्स गिनने पर नहीं रहता बस इतना पता था कि कुछ बेहतरीन मिला है.

अलग-अलग शूटिंग लोकेशंस का अनुभव बताएं?
फिल्म की कहानी हम लोगों को कई लोकेशंस पर लेकर गई. मेरे लिए लोकेशन बहुत अहम हैं. इस फिल्म में की लोकेशन में लोग नजर आते हैं उससे ऊर्जा मिलती है, थोड़ा सा लंदन, कानपुर, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ देखने को मिलेगा. पूरी भारतीयता दिखेगी इस फिल्म में. हिन्दुस्तान सांस लेता हुआ नजर आता है फिल्म में.

फिल्म में 'बन्नो' वाला गीत एक लोकगीत है, इसकी क्या कहानी थी?
ये मेरे एक दोस्त हैं रवि अधिकारी उन्होंने मुझे वायु और तनिष्क से मिलवाया, मुझे लग रहा था की कुछ तो मिसिंग है फिल्म में, और जब मैंने इस गाने को सुना तो लगा की ये हमारी फिल्म के लिए बहुत जरूरी है और मैंने इस गाने को फिल्म में लेने का फैसला कर लिया.

क्या निचोड़ है इस फिल्म का?
बेसिक ह्यूमन नेचर है, कहानी सुनाने की वजह सिर्फ एक ही है कि खुद में एक कमी होना अच्छा होता है, गलतियां होती रहनी चाहिए जो आपको आगे ले जाती है. लव स्टोरी के आसपास की चीजें भी काफी अहमियत रखती हैं.

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सफलता और विफलता को कैसे लेते हैं आप?
मैं जितने में खुश हूं वो दोनों से आ जाता है, मेरे लिए सफलता और उपलब्धि में अंतर है और मैं सिर्फ उपलब्धि को देखता हूं. जिससे मुझे खुशी मिलती है.

कभी कोई बायोपिक बनाने की मनसा है?
एक ही दिक्कत है कि जो देख चुका हूं वो बनाने का मन नहीं करता खास तौरपर जब वो अच्छा लग चुका है तो जब किसी कहानी में मजा आ गया तो मैं उसे दोबारा नहीं बनाना चाहता.

खबर है की आप अपने राइटर हिमांशु शर्मा को छुपा के रखते हैं ?
(हंसते हुए) अरे नहीं छुपा के क्या रखूंगा. वह बहुत ही बेहतरीन राइटर और इंसान हैं और उनकी अपनी एक अलग पहचान है. कम उम्र में वह बहुत कुछ लिख डालते हैं. बहुत ही अच्छा भविष्य है मुझे आशा है कि वह डायरेक्ट भी करेंगे फिल्में.

कभी दर्शकों को कुछ अनोखा देने का दबाव होता है?
नहीं, मैं बस कहानी सुनाना चाहता हूं. हमेशा कहानी दिल से सुनाऊंगा, मुझे खुद को कहानीकार के रूप में दर्शाने का मन करता है डायरेक्टर के रूप में नहीं.

आने वाले क्या प्रोजेक्ट्स हैं?
मेरे लिए अभी कुछ भी नहीं है जहन में हालांकि 2-3 कहानिया हैं.

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आप धनुष के साथ कोई फिल्म करने वाले हैं?
धनुष मेरे एक फेवरेट एक्टर और छोटे भाई हैं और उनका अपना अलग भविष्य है. बेहतरीन एक्टर हैं, कुछ हैं कहानी मेरे पास उनके लिए देखते हैं आगे क्या होता है.

 

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