
केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े के संविधान वाले बयान पर लगातार बवाल बढ़ रहा है. बुधवार को राज्यसभा में भी विपक्ष ने उनके बयान को लेकर जमकर हंगामा किया, और कार्यवाही को स्थगित करने पर मजबूर किया. इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि सत्र खत्म होने में कुछ ही दिन शेष हैं, इसलिए विवाद को भूल सरकार-विपक्ष को एक ही पेज पर आना चाहिए.
सदन में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के क्रम में सभापति एम वेंकैया नायडू ने हेगड़े का नाम पुकारा. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनके बयान का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया. सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अभी तक हमें एक बयान पर स्पष्टीकरण नहीं मिला और दूसरा बयान आ गया.
आजाद ने सत्ता पक्ष की ओर संकेत करते हुए कहा कि वहां से आए दिन इस प्रकार के बयान आते रहते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री ने जो बयान दिया है उस पर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा अभी मंत्री सदन में उपस्थित हैं, इसलिए उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. वह कुछ ही देर में सदन से चले जाएंगे.
'धर्मनिरपेक्ष लोगों की अपनी कोई पहचान नहीं'
दरअसल, अनंत कुमार हेगड़े ने बीते रविवार को धर्मनिरपेक्ष लोगों पर विवादास्पत बयान दिया था. कर्नाटक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा था, 'जो लोग खुद को सेकुलर कहते हैं, वे अपने कुल के बारे में नहीं जानते, जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं, वे खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं, उनकी कोई पहचान नहीं होती.
हेगड़े ने यहां तक कह दिया कि वे भारतीय संविधान का सम्मान तो करते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में संविधान भी बदल जाएगा. हम वही करने यहां आए हैं. हेगड़े के इस बयान पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी नेता संसदीय और राजनीतिक भाषा नहीं जानते.