
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सीबीआई ने विशेष अदालत से कहा है कि वाईएस जगनमोहन रेड्डी को आय से अधिक संपत्ति मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट नहीं दी जाए. सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि राजनीतिक, धन और बाहुबल का इस्तेमाल कर गवाहों को प्रभावित करने की अधिक गुंजाइश है.
हालांकि जगनमोहन रेड्डी को सीएम के रूप में आरोपी नहीं बनाया गया है. उन्हें व्यक्तिगत क्षमता पर आरोपी बनाया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद गवाहों को प्रभावित करने की उनकी क्षमता बढ़ गई है.
सीबीआई ने कहा, 'कानून के समक्ष सभी समान हैं और उनकी वर्तमान स्थिति अदालत और इसकी प्रक्रिया का सम्मान करने में बाधा नहीं होनी चाहिए.'
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति मामले (डीए मामलों) पर अपने हलफनामे में मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी A2 हैं जबकि वाईएस जगनमोहन रेड्डी A1 हैं. एजेंसी ने इस मामले में 11 चार्जशीट दाखिल की है.
क्या गवाहों पर असर पड़ेगा?
सीबीआई ने कहा कि रेड्डी जो पूर्व में जगन के ऑडिटर थे, ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की है और अब जब वह सत्ता में आ गए हैं और बेहद शक्तिशाली स्थिति रखते हैं तो मामले को प्रभावित करने की उनकी क्षमता बढ़ गई है.
साथ ही कुछ नौकरशाहों का भी जिक्र किया जो अब उनके (सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी ) के तहत काम कर रहे हैं जो पहले इसमें शामिल रहे हैं.