
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के ताकतवर नेता रहे आदिनारायण रेड्डी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रेड्डी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी. बीजेपी में शामिल होने के बाद रेड्डी ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश बदल रहा है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में मोदी सरकार की ओर से कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने और तीन तलाक के फैसले से साबित हुआ कि यह सरकार देशहित में कठोर फैसले लेने से भी नहीं हिचकती है. आईएएनएस न्यूज के मुताबकि रेड्डी ने कहा कि सरकार सचमुच में सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चल रही है.
बता दें कि आदिनारायण रेड्डी आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पिछली सरकार में मंत्री थे. उन्हें 2017 में नायडू ने मंत्री बनाया था. वह वाईएसआर कांग्रेस से नाता तोड़कर 2016 में नायडू की पार्टी टीडीपी में शामिल हुए थे.
इससे पहले वह 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर कोडप्पा जिले की सीट से विधायक रहे, वहीं 2014 में वाईएसआर कांग्रेस से उसी सीट पर तीसरी बार विधायक बने थे. फिर वाईएसआर कांग्रेस में खटपट होने पर वह चंद्रबाबू नायडू की पार्टी से जुड़ गए थे. वे टीडीपी के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े, मगर हार गए.
आदिनारायण रेड्डी की गिनती चंद्रबाबू नायडू के करीबी नेताओं में होने लगी थी. लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टीडीपी की बुरी स्थिति देख उन्होंने नायडू का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. हालांकि 12 सितंबर को जब रेड्डी ने तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) से इस्तीफा दिया था, तो उनके सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस से जुड़ने की अटकलें लग रहीं थीं.
आंध्र प्रदेश में राज्य सह प्रभारी के तौर पर पिछले कई महीने से कैंप कर रहे बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, पार्टी के एक अन्य राष्ट्रीय सचिव सत्या कुमार और पार्टी के राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा की कोशिशों से उन्होंने बीजेपी में जुड़ने का मन बनाया. सूत्र के अनुसार, नायडू की पार्टी छोड़ने के बाद उनकी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भेंट भी हुई थी.
रेड्डी का कोडप्पा जिले की अपनी जम्मालामदुगू सहित अन्य विधानसभा सीटों पर खासा वर्चस्व है. ऐसे में भाजपा उन्हें अपने पाले में लाकर आंध्र प्रदेश में जमीन मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.