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दिल्ली में डेंगू से तीन और लोगों की मौत, अस्पतालों को डॉक्टरों की भर्ती के निर्देश

दिल्ली में डेंगू की चपेट में आने से तीन और लोगों को जान गंवानी पड़ी है, जिसमें सात साल एक लड़का शामिल है. इन ताजा आंकड़ों से राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो गई है, जबकि दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्या आज भी कायम रही.

डेंगू से तीन लोगों की मौत डेंगू से तीन लोगों की मौत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST

दिल्ली में डेंगू की चपेट में आने से तीन और लोगों को जान गंवानी पड़ी है, जिसमें सात साल एक लड़का शामिल है. इन ताजा आंकड़ों से राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो गई है, जबकि दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू मरीजों की बड़ी संख्या आज भी कायम रही.

दिल्ली सरकार ने सभी चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द बिस्तरों की संख्या बढ़ाएं और हालात से निपटने के लिए डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती करें.

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दक्षिण दिल्ली में रहने वाली 41 साल की एक महिला और 14 साल के एक लड़के की मंगलवार को मौत हुई थी जबकि सात साल के लड़के ने बुधवार को दम तोड़ा. लाजपत नगर की रहने वाली मोनिका बहल ने मंगलवार को मूलचंद अस्पताल में दम तोड़ दिया था. डेंगू शॉक सिंड्रोम के कारण मोनिका के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनकी मौत हुई. सात साल के लड़के ने मंगलवार को बी एल कपूर अस्पताल में दम तोड़ा जबकि 14 साल के एक लड़के ने महाराज अग्रसेन अस्पताल में डेंगू के कारण दम तोड़ दिया.

ज्यादातर अस्पतालों में डेंगू मरीज बड़ी संख्या में भर्ती हैं. कुछ अस्पतालों में मरीज बेहद बुरी हालात में रहने को मजबूर हैं. कुछ सरकारी अस्पतालों में तो आलम यह है कि एक ही बिस्तर पर तीन-तीन मरीजों को रखा गया है.

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डेंगू मरीजों के इलाज से इनकार करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी देने वाली दिल्ली सरकार ने अपने मातहत आने वाले सभी अस्पतालों को डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती करने का आदेश जारी किया है. दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होमों में बड़ी संख्या में मरीजों के भर्ती होने के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया वे जल्द से जल्द बिस्तरों की संख्या में 10-20 फीसदी का इजाफा करें ताकि मच्छरों से होने वाली इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों का उचित इलाज किया जा सके. मंत्री ने कहा कि डेंगू की जांच करने वाले और किट खरीदे जा रहे हैं और निजी अस्पतालों से कहा गया है कि वे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की जा रही जांच के लिए 600 रुपए से अधिक शुल्क न लें. सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए खोले गए 'फीवर क्लीनिकों' और बाह्य रोगी विभागों में लंबी-लंबी कतारें देखी गईं.

दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की कुल संख्या अभी 50,000 है जिसमें 10,000 दिल्ली सरकार के अस्पतालों और 20,000 निजी अस्पतालों में है. नगर निगमों एवं केंद्र के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 10-10 हजार है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों से उन बिस्तरों को भी इस्तेमाल में लाने को कहा गया है जो किसी आपदा की स्थिति का सामना करने के लिए रखे होते हैं.

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निजी अस्पतालों द्वारा इलाज से मना करने को बर्दाश्त न करने की बात पर जोर देते हुए जैन ने कहा कि उन्हें प्रभावित लोगों का इलाज करना होगा और यदि बिस्तरों की उपलब्धता नहीं है तो जरूरी इंतजाम करने होंगे.

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को निजी अस्पतालों को चेताया था कि यदि उन्होंने डेंगू मरीजों का इलाज करने से मना किया तो उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

इनपुट: भाषा

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