
अनिल अंबानी के मालिकाना हक वाली रिलायंस कम्युनिकेशन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने कंपनी के खिलाफ बैंकरप्सी प्रोसीडिंग (दिवालियापन की कार्रवाई) शुरू करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है.
इसके चलते कर्ज में डूबी आरकॉम के लिए रिलायंस जियो इंफोकॉम को अपना वायरलेस बिजनेस बेचने की योजना को धक्का लग सकता है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली.
बुधवार को कारोबार के दौरान रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर 20 फीसदी तक गिरे. हालांकि कारोबार खत्म होने तक यह गिरावट कम हुई और कंपनी के शेयरों में गिरावट 15.26 फीसद पर आ गई.
बता दें कि एनसीएलटी ने स्वीडिश कंपनी एरिक्सन की आरकॉम और इसकी सब्सिडरी कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई बैंकरप्सी प्रोसीडिंग की याचिका को स्वीकार कर लिया है. एरिक्शन ने 2014 में कंपनी के साथ 7 साल की एक डील साइन की थी.
इस डील के तहत उसने रिलायंस कम्युनिकेशंस का नेशनवाइड टेलीकॉम नेटवर्क संभालने का जिम्मा हासिल किया था. एरिक्सन अब आरकॉम और इसकी दो सब्सिडरी कंपनियों से 1155 करोड़ रुपये का दावा कर रही है.
रिलायंस टेलीकॉम (Rcom) भारी कर्ज में डूबी हुई है. उस पर देश के और विदेशी बैंकों का 7 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है. आरकॉम के खिलाफ दिवालियापान की कार्रवाई किए जाने की याचिका स्वीकार होने के बाद कंपनी के मालिक अनिल अंबानी को झटका लग सकता है.
आरकॉम के कर्ज को उतारने के लिए अनिल कंपनी का वायरलेस बिजनेस अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को बेचने की तैयारी कर रहे हैं. यह सौदा करीब 18,000 करोड़ रुपये का है. हालांकि इस कार्रवाई के बाद कंपनी के लिए यह डील कर पाने में मुश्किल हो सकती है.