
केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का देहांत हो गया है. वह बुधवार रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनिल माधव की मौत पर दुख जताया. अनिल माधव दवे 61 साल के थे. वह काफी समय से बीमार थे, और एम्स में भर्ती थे. दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे, वह मध्यप्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा थे. अनिल दवे की मृत्यु के बाद केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
गुरुवार दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को 11 सफदरजंग रोड़ में रखा जायेगा. फिर शाम को भोपाल ले जायेगा पार्थिव शरीर को जहां पार्टी दफ्तर में श्रद्धांजलि के लिए रखा जायेगा. उसके बाद देर शाम अनिल माधव दवे के पार्थिव शरीर को इंदौर में उनके भाई अभय दावे के घर ले जाया जायेगा. कल सुबह 9 बजे इंदौर में अंतिम संस्कार किया जायेगा
शुक्रवार को होगा अंतिम संस्कार, मोदी होंगे शामिल
अनिल माधव को शाम 4 बजे भोपाल ले जाया जाएगा, वहीं शुक्रवार शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. अनिल दवे का पैतृक गांव भोपाल के पास बड़नगर में है. अनिल दवे के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ और केंद्र सरकार के कई आला नेता मौजूद रह सकते हैं. अनिल दवे के शव को अंतिम दर्शन के लिए भी रखा जाएगा. अभी उनके पार्थिव शरीर को सरकारी आवास पर रखा गया है, जहां पर लोग अंतिम दर्शन कर रहे हैं.
मोदी ने ट्वीट कर जताया दुख
नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अनिल दवे के निधन पर दुख जताया. कहा- दोस्त और एक आदर्श साथी के तौर पर अनिल माधव दवे जी की मौत से दुखी हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. लोक हित के काम के लिए दवे जी को याद रखा जाएगा. कल शाम ही वे मेरे साथ थे. हमने कुछ पॉलिसी इश्यू पर चर्चा भी की थी. उनका जाना मेरे लिए निजी क्षति है.
दो सेशन से नहीं आ रहे थे संसद
जानकारी के मुताबिक, अनिल दवे पिछले दो सत्र से सेशन में नहीं आ रहे थे. उनकी जगह प्रकाश जावड़ेकर सदन में उनका कामकाज संभाल रहे थे. वे छुट्टी पर थे. बीच में संसद आते थे, मेडिकल विंग में चेकअप के लिए आते थे. मंत्रालय आकर कामकाज संभालने की स्थिति में नहीं थे, पर अक्सर आते थे. 5 जुलाई 2016 में उन्हें मंत्री बनाया गया था.
संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा पर अच्छी पकड़ थी. प्रश्नकाल में सवालों का जो जवाब देते थे उसके लिए विपक्ष भी उनकी तारीफ करते थे.