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मोदी में प्रधानमंत्री पद का घमंड, नहीं दिया 30 चिट्ठियों का जवाब: अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने कहा, ‘ इस बार ऐसा बड़ा आंदोलन होगा जो पहले कभी नहीं हुआ और यह सरकार के लिए चेतावनी होगी.’ अन्ना ने आंदोलन से पहले ये साफ कर चुके हैं इस बार वही लोग उनके आंदोलन में शामिल होंगे जो भविष्य में किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.

अन्ना हजारे अन्ना हजारे
अनुग्रह मिश्र
  • सांगली,
  • 21 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का अहंकार है और यही कारण है कि मोदी उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहे हैं. हजारे ने शनिवार को महाराष्ट्र के सांगली की अटपादी तहसील में एक जनसभा को संबोधित करने हुए ये बयान दिया.

अन्ना ने कहा, ‘मैं पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी को 30 से ज्यादा पत्र लिख चुका हूं, लेकिन उन्होंने कभी जवाब नहीं दिया. मोदी को प्रधानमंत्री पद का अहंकार है और यही वजह है कि वह मेरे पत्रों का जवाब नहीं देते हैं.’ हजारे ने पहले कहा था कि वह 23 मार्च से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं.

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अन्ना हजारे ने कहा, ‘ इस बार ऐसा बड़ा आंदोलन होगा जो पहले कभी नहीं हुआ और यह सरकार के लिए चेतावनी होगी.’ अन्ना ने आंदोलन से पहले ये साफ कर चुके हैं इस बार वही लोग उनके आंदोलन में शामिल होंगे जो भविष्य में किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे. इसके लिए अन्ना उनसे एक हलफनामे पर हस्ताक्षर भी करवाएंगे.

अन्ना हजारे देश में बढ़ रहे कृषि संकट को लेकर 23 मार्च को दिल्ली में एक रैली निकालेंगे. उन्होंने दावा किया कि पिछले 22 वर्षों में देश में 12 लाख से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है.

बता दें कि साल 2012 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन की वजह से तत्कालीम यूपीए सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. साथ ही उस आंदोलन में अन्ना के सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के नाम से एक राजनीतिक दल का गठन किया था जो दिल्ली में फिलहाल सत्ता पर काबिज है. 

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