
बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 63वें मासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए बैंकों को निर्देश दिया कि वह 2017-18 की वार्षिक साख योजना (ACP) का कम से कम 95% लक्ष्य पूरा करें.
इसके अलावा मोदी ने मुद्रा योजना के अंतर्गत 50 हजार से 5 लाख तक के अधिक से अधिक लोन बांटने, ग्राहकों से सिक्का जमा लेने के लिए हर जिले में एक बैंक चिन्हित कर समय निर्धारित करने, जिला और प्रखंड स्तर पर होने वाली बैंकर्स समिति की बैठक में बैंक के वरीय अधिकारियों को शामिल होने और नॉन बैंकिंग कंपनियों की गतिविधियों की सरकार को जानकारी देने का निर्देश दिया है.
सुशील मोदी ने कहा कि खरीफ मौसम में किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के लिए जिलों में शिविर आयोजित किए जाएंगे. साथ ही 5000 की आबादी वाले शेष बचे 232 गांव में वित्तीय वर्ष के अंत तक बैंक आउटलेट खुल जाएंगे. मोदी ने बताया कि बीते दिसंबर तक ऐसे 370 बैंक आउटलेट खुल चुके हैं.
राज्य के 2 करोड़ छात्र और छात्राओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं की राशि डीबीटी के जरिए ट्रांसफर में हो रही परेशानी को दूर करने के लिए मोदी ने एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया जिसकी बैठक अगले महीने के पहले सप्ताह में होगी.
बैठक को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के लोगों का बैंकों में 2 लाख 90 हजार करोड़ जमा है जबकि बैंकों ने 1 लाख 25 हजार करोड़ का कर्ज दिया है जिससे यहां का साख-जमा अनुपात 41.67 प्रतिशत है. मोदी ने 30 फीसद से कम साख-जमा अनुपात वाले जिले जैसे भोजपुर, सारण, सीवान और गोपालगंज की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया है.
उप मुख्यमंत्री मोदी ने बताया कि बैंकों ने दिसंबर महीने तक 1 लाख 10 हजार करोड़ वार्षिक साख योजना के विरुद्ध बैंकों ने अब तक 72215 करोड़ ऋण वितरित किया है जो सिर्फ 66.56 फीसद है और इसे बढ़ाकर 95 फीसद तक ले जाना है.