
योग दिवस पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के मौजूद न रहने की बीजेपी नेता राममाधव द्वारा की गई आलोचना पर सरकार ने सोमवार को माफी मांग ली, जबकि कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल पर 'विभाजनकारी' राजनीति करने के आरोप लगाए.
केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए कहा कि जिस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि हों वहां उपराष्ट्रपति को निमंत्रित नहीं किया जा सकता. खबर है कि माधव के ट्वीट से उपजे अनावश्यक विवाद को लेकर पार्टी नाराज है.
माधव के रविवार के विवादास्पद ट्वीट पर नाईक ने कहा, 'अनजाने में कुछ हो गया, हम उसके लिए माफी मांगते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए था. यह गलती है, वह (माधव) सहमत हैं, उन्होंने माफी मांग ली. उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया.'
वरीयता क्रम के बारे में नाईक ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि होते हैं तो उपराष्ट्रपति को निमंत्रण देना उचित नहीं होता. यही शासकीय शिष्टाचार है. इसलिए हमने उनको निमंत्रण नहीं भेजा. वरीयता क्रम में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री से ऊपर होते हैं इस नाते हम उन्हें निमंत्रण नहीं भेज सकते थे.' राजपथ पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन करने वाले आयुष मंत्रालय में नाईक राज्यमंत्री हैं.
उपराष्ट्रपति को 'निशाना' बनाने और विवाद के आरोप के बारे में पूछे जाने पर माधव ने कहा, 'जहां तक ट्वीट की बात है, तो इसे वापस ले लिया गया है और मामला वहीं खत्म हो गया है.'
राममाधव को आरएसएस ने पिछले वर्ष बीजेपी के साथ काम करने के लिए पार्टी में भेजा था . माधव ने कहा कि इस मुद्दे पर उनकी तरफ से कोई और चर्चा नहीं होगी. उन्होंने जम्मू में कहा, 'मैं चाहता हूं कि योग समारोह को लाखों की संख्या में हिस्सा लेने वाले लोग याद रखें. मैं इस पर कोई और विवाद नहीं चाहता.' उपराष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि उनके लिए मामला खत्म हो गया है क्योंकि नाईक का बयान 'उचित प्रतीत' होता है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अंसारी को निशाना बनाकर 'विभाजनकारी राजनीति' करने के आरोप लगाए और कहा कि माधव माफी मांगें.
पार्टी प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उपराष्ट्रपति को निशाना बनाया गया. योग जहां सबके लिए है वहीं बीजेपी ने इस पर विभाजनकारी राजनीति की है. राममाधव को माफी मांगनी चाहिए.' बहरहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष हमला करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने योग में 'काफी योगदान' किया है.
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में रविवार को एक योग समारोह में आडवाणी ने कहा, 'योग की अवधारणा आज की नहीं है. जनसंघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का इसमें बड़ा योगदान रहा है.' कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि माधव के बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से यह दुर्भाग्यपूर्ण है और आरएसएस की मानसिकता को दर्शाता है क्योंकि राममाधव बीजेपी में आरएसएस के प्रतिनिधि हैं. यह दिखाता है कि किस तरह वे समाज को बांटना चाहते हैं और कैसे योग पर राजनीति कर रहे हैं.' अहमद ने कहा, 'नाम या धर्म के आधार पर इस देश के उपराष्ट्रपति को निशाना बनाना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है और यह आरएसएस और बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है.'
- इनपुट भाषा
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