
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला बंद करने संबंधी सीबीआई की रिपोर्ट पर दिल्ली की एक अदालत शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोटिलन मजिस्ट्रेट सौरभ प्रताप सिंह लालेर ने शिकायतकर्ता और पीड़िता लखविंदर कौर को मामला बंद करने संबंधी रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. कौर के पति बादल सिंह दंगों के दौरान मारे गए थे. सीबीआई के जरिए मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल किए जाने का पीड़िता के वकील ने विरोध किया था. उन्होंने कहा कि यह गुपचुप तरीके से क्यों किया गया.
तीसरी बार जांच एजेंसी ने टाइटलर को मामले में क्लीन चिट दी है. सीबीआई ने कहा कि उसने अदालत के निर्देशानुसार मामले में आगे की जांच की है और मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की है.अप्रैल, 2013 में सत्र अदालत ने सीबीआई को मामले में आगे जांच करने का निर्देश दिया था. अदालत ने एजेंसी के जरिए इसी तरह की पहले दाखिल रिपोर्ट को रद्द कर दिया था.
दंगा पीड़ितों के वकील एच एस फुल्का ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के सीबीआई के कदम पर निराशा प्रकट की. उन्होंने कहा, यह इतने गुपचुप तरीके से क्यों किया जा रहा है. यहां तक कि फरियादी को भी इस बारे में सूचित नहीं किया गया है. यह गुपचुप तरीके से दाखिल की गई. यह दिखाता है कि अदालत के जरिए जल्दबाजी में क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत कराए जाने के प्रयास किए गए.
फुल्का ने कहा कि 24 दिसंबर, 2014 को मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की गई थी और उन्हें इस बारे में हाल ही में पता चला और वो भी एक अन्य वकील से अनधिकृत तरीके से जबकि पीड़िता को तब तक सूचित भी नहीं किया गया. इससे पहले सत्र अदालत ने 10 अप्रैल, 2013 को टाइटलर को क्लीन चिट देने वाली सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को रद्द कर दिया था और तीन लोगों की मौत के मामले में जांच फिर से शुरू करने का आदेश दिया था.
- इनपुट भाषा