
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले का आरोपी मेहुल चोकसी एंटीगुआ में ही रह रहा हैं और उसको वहां की नागरिकता भी मिल चुकी है. एंटीगुआ सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है. एंटीगुआ सरकार ने अपने यहां मेहुल चोकसी के होने की जानकारी इंटरपोल को दी. इसके बाद इंटरपोल ने यह जानकारी भारत को दी.
बता दें कि पिछले सप्ताह सीबीआई ने नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) के जरिए एंटीगुआ सरकार को खत लिखा था और मेहुल चोकसी की मौजूदगी के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसके बाद इंटरपोल ने भारत को यह जानकारी दी. एंटीगुआ प्रशासन ने इंटरपोल के जरिए भारत को बताया कि मेहुल चोकसी उसके देश में ही है और अब नागरिक भी बन चुका है.
एंटीगुआ सरकार ने तब तक मेहुल चोकसी के अपने देश में मौजूद होने की बात आधिकारिक तौर पर नहीं कही, जब तक उससे इस संबंध में कोई संपर्क नहीं किया गया. हालांकि इससे पहले एंटीगुआ के अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया से कहा था कि मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार की हर कानूनी अपील का सम्मान किया जाएगा. भले इस बाबत दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय संधि नहीं है.
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस आधिकारिक पुष्टि से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण में भारतीय एजेंसियों और सरकार को मदद मिलेगी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के मुद्दे को मजबूती से उठाया जा सकेगा. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने संयुक्त राष्ट्र संघ के भ्रष्टाचार विरुद्ध सम्मेलन (UNCAC) के तहत मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
भारत को यह रास्ता इसलिए अपनाना पड़ रहा है, क्योंकि एंटीगुआ और भारत के बीच प्रत्यर्पण को लेकर किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं है. हालांकि दोनों देश संयुक्त राष्ट्र संघ के भ्रष्टाचार विरुद्ध सम्मेलन (UNCAC) के तहत आते हैं. सोल में हुए जी20 सम्मेलन के दौरान भारत ने UNCAC संधि पर सहमति जताते हुए इस पर हस्ताक्षर किए थे और एंटीगुआ ने भी इस पर दस्तखत किए हैं. इसके तहत UNCAC पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को संयुक्त राष्ट्र की संधि को मानना होगा और उसे अपने यहां लागू करना होगा.