
थोड़ी देर में नरेद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनकी इस सरकार का हिस्सा न तो जदयू होगी और न ही अपना दल. जानकारी के मुताबिक, जेडीयू को उम्मीद थी कि उन्हें तीन मंत्री पद मिलेगा, 2 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री. हालांकि बीजेपी ने केवल एक कैबिनेट मंत्री जेडीयू को ऑफर किया है. वहीं, अपना दल की अनुप्रिया पटेल को फोन नहीं आया है.
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार चाहते थे कि आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया जाए और संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री का दर्जा मिले. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार जातिगत समीकरण बैठाने की कोशिश में लगे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल में जेडीयू से केवल 1 व्यक्ति चाहते थे, इसलिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी. हमने उन्हें सूचित किया कि हमें मंत्री पद की जरूरत नहीं है. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं. हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है.
जदयू नेता बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हम मोदी सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन हमारा गठबंधन जारी रहेगा. हम एनडीए का हिस्सा रहेंगे.
सहयोगियों के कोटे से एक-एक मंत्री
इसके अलावा सहयोगियों के कोटे से एक-एक मंत्री बनाए जाने की संभावनाएं जताई जा रही है. इनमें शिवसेना की ओर से अरविंद सावंत मंत्री बनेंगे, जबकि अकाली दल की ओर से हरसिमरत कौर को दोबारा मंत्री बनेंगी.
जबकि लोक जनशक्ति पार्टी से राम विलास पासवान का मंत्री बनना तय है. एआईएडीएमके कोटे से पूर्व सीएम पनीरसेल्वम के बेटे रवींद्रनाथ को मंत्री बनाया जाएगा. अपना दल के कोटे से अनुप्रिया पटेल भी मंत्री बन सकती हैं.