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पद्मावत पर सियासत क्यों, बिना फिल्म देखे विरोध गलत: अनुराग कश्यप

फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में पद्मावत विवाद, राष्ट्रवाद और राष्ट्रगान जैसे मामलों पर अपनी राय रखी. जानते हैं डायरेक्टर ने क्या कहा....

अनुराग कश्यप अनुराग कश्यप
हंसा कोरंगा/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST

फिल्ममेकर और एक्टर अनुराग कश्यप ने इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में इन दिनों चर्चा में छाए कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने रिपोर्टर आशुतोष मिश्रा से बातचीत में पद्मावत, राष्ट्रवाद और राष्ट्रगान जैसे महत्वपूर्ण विवादों पर अपनी राय रखी. जानते हैं अनुराग कश्यप ने क्या कहा....

फिल्म पद्मावत एक राजनीति मामला बना- अनुराग

संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत पर जारी विवाद को लेकर उन्होंने कहा, क्या आपको सच में लगता है कि एक फिल्म समाज को बांट सकती है? हम डायरेक्टर्स अपनी फिल्मों से समाज में प्यार बढ़ाते हैं. किसी फिल्म को देखे बिना ऐसे आरोप लगाना क्या सही है? मेरा मानना है कि यह एक राजनीतिक मामला बन गया है. यह मीडिया की जिम्मेदारी है कि वे एक बेहतर सोसाइटी के लिए काम करें. क्या मीडिया TRP के लिए इस मामले को हवा नहीं दे रहा है?

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वह आगे कहते हैं, फिल्ममेकर्स बहुत ही जिम्मेदार हैं. हमारे बारे में बनाई गई धारणा गलत है. विरोधी पहले पद्मावत तो रिलीज होने दें. फिर बताएं कि क्या फिल्म को लेकर उनकी कंट्रोवर्सी जायज थी या नहीं?

देशभक्ति बेची जा रही है- अनुराग

आजकल देश में फैल रही राष्ट्रवाद की आग पर डायरेक्टर ने बेबाकी से अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा, यह एक ऐसी सदी चल रही है जहां पर देशभक्ति को बेचा जा रहा है. हम आजकल हर चीज को बेच रहे हैं. अगर हम इस पर सवाल उठाते हैं तो लोग एंटी-नेशनल घोषित कर देते हैं.

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उन्होंने कहा, अगर आप राष्ट्रवाद का बैच नहीं पहनते तो देशद्रोही करार दे दिए जाएंगे. इन दिनों लोगों को देशद्रोही साबित करने पर जोर दिया जा रहा है. यह एक मार्केटिंग फॉर्मूला है, जिसे फायदे के लिए बेचा जा रहा है.

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सिनेमाहॉल में राष्ट्रगान चलाने की जरूरत नहीं- अनुराग

सिनेमाघरों में राष्ट्रवाद चलाए जाने पर उन्होंने कहा, अगर राष्ट्रगान बजेगा तो यकीनन ही हम खड़े होंगे. लेकिन मुझे लगता है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने की कोई जरूरत है.

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