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अपना दल ने पीएम मोदी के गाजीपुर कार्यक्रम का किया बहिष्कार, राजभर ने भी बनाई दूरी

अपना दल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर सम्मान न देने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यक्रमों से खुद को दूर करने का ऐलान किया है.

पीएम मोदी के कार्यक्रम में जा रही अनुप्रिया वापस लौट आई हैं (फाइल फोटो-PTI) पीएम मोदी के कार्यक्रम में जा रही अनुप्रिया वापस लौट आई हैं (फाइल फोटो-PTI)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 29 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को सहयोगी दलों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में अपना दल शामिल नहीं होगा. अपना दल कोटे से मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल दिल्ली एयरपोर्ट से वापस लौट आई हैं. अपना दल के अलावा इस कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी हिस्सा नहीं लेगी. यह दोनों पार्टियां बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए का हिस्सा है.

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बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को गाजीपुर जा रहे हैं. वह यहां एक मेडिकल कालेज की आधारशिला रखेंगे. साथ ही महाराजा सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी आरटीआई मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. मोदी के इस कार्यक्रम का यूपी की बीजेपी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि डाक टिकट पर महाराजा सुहेलदेव राजभर का पूरा नाम अंकित नहीं है. यह उनका अपमान है. यह कहते हुए उन्होंने भी पीएम मोदी की रैली से दूरी बना ली है.

वहीं, अब अपना दल भी मोदी के इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहा है. अपना दल ने उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यक्रमों से खुद को दूर करने का ऐलान किया है. इसके पीछे अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को प्रधानमंत्री के स्वागत कार्यक्रमों से दूर रखा जाना बड़ा कारण बताया जा रहा है. इसके साथ ही एनडीए से लोकसभा सीटों को लेकर चल रहा उसका विवाद जब तक सुलझ नहीं जाता, तब तक अपना दल मोदी और योगी सरकार के सरकारी कार्यक्रमों का हिस्सा नहीं रहेगा.

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सम्मान न देने का है आरोप

अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल बीजेपी सरकार पर सम्मान न देने का आरोप लगा चुके हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा था कि गठबंधन में सम्मान चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमें सम्मान मिले और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बने. भाजपा को तीन प्रदेशों में मिली पराजय से सीख लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि आश्वासन के बाद भी किसी भी आयोग में अपना दल के नेताओं को जगह नहीं दी गई है.

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