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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की हालत गंभीर बनी हुई है. जयललिता को अचानक रविवार की शाम को दिल का दौरा पड़ा. अपोलो ने हेल्थ बुलेटिन जारी किया है, जिसमें उनकी हालत अभी भी नाजुक बताई गई है. उन्हें ECMO और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में चेन्नई के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. अपोलो ग्रुप के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि हमारी कोशिशों के बावजूद सीएम जयललिता की हालत नाजुक बनी हुई है.
लंदन में किंग्स हेल्थ पार्टनर्स के डॉक्टर रिचर्ड बील ने प्रेस स्टेटमेंट के जरिए जयललिता को वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट दी जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की सीएम को एक्स्ट्रा कॉरपोरल लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है, जो कि काफी उन्नत लाइफ सपोर्ट सिस्टम है. चेन्नई के अपोलो अस्पताल में ऐसी तकनीक और एम्स की डॉक्टरों की टीम मौजूद होने से जाहिर है कि यहां सीएम जयललिता का बेहतर इलाज चल रहा है.
73 दिनों से अस्पताल में भर्ती
पार्टी प्रवक्ता सीआर सरस्वती ने बताया कि जयललिता की सोमवार सुबह दो बजे से चार बजे के बीच एनजियोप्लास्टी की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को पीएम मोदी को तमिलनाडु की सीएम जयललिता के स्वास्थ्य की जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू को चेन्नई भेजने का फैसला हुआ है. नायडू चेन्नई जाकर अस्पताल में भर्जी जयललिता के स्वास्थ्य का जायजा लेंगे. जयललिता पिछले 73 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. इससे पहले रविवार दिन में ही जयललिता के पूरी तरह से ठीक होने की खबर आई थी. डॉक्टरों ने कहा था कि सीएम जयललिता ने अपनी सामान्य दिनचर्या शुरू कर दी है और जल्द ही घर लौट आएंगी.
हालत में हो रहा था सुधार
गौरतलब है कि 68 साल की अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता 22 सितम्बर को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं. एक हफ्ते पहले तक उन्हें ICU में रखा गया था, हालात में सुधार के बाद पिछले महीने उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया था. जयललिता को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था.
'कुछ भी हो सकता है'
जयललिता को ECMO में भेजने से पहले 40 मिनट तक सीपीआर दिया गया. सबसे अच्छी चीज ये रही है कहीं से भी कोई ब्लीडिंग नहीं हुई. उनका लैक्टिक एसिड संतुलन अब बेहतर है. जयललिता का फिजियोलॉजिकल रिजर्व लो है, जो कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. डॉ रिचर्ड बेले ने कहा कि 90 दिनों में कुछ भी हो सकता है.